फ्रांस के मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दिया
१४ नवम्बर २०१०फ्रांस के अधिकारियों के मुताबिक सार्कोजी रविवार को ही नए मंत्रिमंडल का एलान करेंगे. फिलॉं को हालांकि दोबारा प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया जाएगा जिसके बाद वे नए मंत्रिमंडल में नेताओं को नियुक्त करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि इससे सरकार में नई जान फूंकी जा सकेगी और 2012 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए प्रचार में फायदा होगा. मंत्रिमंडल का इस्तीफा एक औपचारिक प्रक्रिया है जिससे राष्ट्रपति अपने पुराने मंत्रिमंडल को निकाले बिना नए मंत्रिमंडल की नियुक्ति के लिए तैयारी कर सकते हैं.
विदेश मंत्री बर्नाड कुशनेर से उनका पद छिनने की संभावना है. कुशनेर एक समाजवादी हैं. दक्षिणपंथी पूर्व प्रधानमंत्री आलें जुप ने शनिवार को पुष्टि की कि वे नए मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री का पद संभालेंगे. पर्यवेक्षकों का मानना है कि नया कैबिनेट पहले से छोटा रहेगा और इसमें सार्कोजी की दक्षिणपंथी पार्टी से ज्यादा सदस्य रहेंगे. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनावों से पहले सार्कोजी अपने दक्षिणपंथी वोट बैंक को पक्का करना चाह रहे हैं. जब तक नए मंत्रिमंडल की नियुक्ति नहीं हो जाती, पुराने मंत्री अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे. इस बीच सरकार ने कहा है कि देश के नेतृत्व में कोई परेशानी नहीं है.
इस साल जून में ही सार्कोजी ने एलान किया था कि वे मंत्रिमंडल में बदलाव लाना चाहते हैं और मार्च से ही वे ऐसा करने के संकेत दे रहे थे. इसके बाद उनके मंत्रिमंडल के दो सदस्यों पर सरकारी पैसे खर्च करने के आरोप लगे और श्रम मंत्री एरिक वोर्त गैर कानूनी तरीके से पैसा लेने के आरोप में फंस गए.
हाल ही में पेंशन योजना में बदलाव और सरकारी बचत कार्यक्रम की वजह से सार्कोजी की लोकप्रियता में कमी आई है. साथ ही कानून और प्रवासन को लेकर उन्होंने और कड़े कदम लिए हैं. फ्रांस से अल्पसंख्यक रोमा बंजारों को निकालने की उनकी योजना खास तौर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खटकी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः एस गौड़