फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर जर्मनी के राष्ट्रपति चुने गए
१२ फ़रवरी २०१७1260 सदस्यों वाले निर्वाचक मंडल ने आम संभावनाओं की पुष्टि करते हुए श्टाइनमायर को जर्मनी का नया राष्ट्रपति चुना. वे मौजूदा राष्ट्रपति योआखिम गाउक की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल 18 मार्च को खत्म हो रहा है. 77 वर्षीय गाउक ने अपनी चढ़ती उम्र का हवाला देकर पांच साल के दूसरे कार्यकाल की उम्मीदवारी से इंकार कर दिया था.
उम्मीद का लंगर
अपना निर्वाचन स्वीकार करते हुए श्टाइनमायर ने जर्मनी को उम्मीद का लंगर बताया. उन्होंने कहा कि देश को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और दूसरे देशों के लिए आदर्श का काम करना चाहिए. श्टाइनमायर ने कहा, "जर्मनी दूसरों को साहसी बनने की प्रेरणा देता है, इसलिए नहीं कि यहां सब कुछ अच्छा है बल्कि इसलिए कि हमने दिखाया है कि एक देश कितना बेहतर बन सकता है."
नवनिर्वाचित जर्मन राष्ट्रपति ने परोक्ष रूप से उग्र दक्षिणपंथी पार्टियों के उदय और यूरोप में ईयू विरोधी भावनाओं के प्रसार की ओर इशारा करते हुए जर्मन नागरिकों से यूरोपीय संघ में आजादी और लोकतंत्र की रक्षा करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि ये मूल्य अभेद्य नहीं हैं, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि वे मजबूत हैं.
राष्ट्रपति का चुनाव
जर्मनी में राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता नहीं करती. चुनाव 1260 सदस्यों वाला निर्वाचक मंडल करता है जिसमें संसद के निचले सदन बुंडेसटाग के 630 सदस्यों के अलावा इतनी ही संख्या में देश की 16 प्रांतीय विधान सभाओं के विधायकों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि थे. विधान सभाओं की पार्टियां अपने विधायकों के अलावा प्रमुख नागरिकों को भी निर्वाचक मंडल में चुनती हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर के अलावा चार अन्य उम्मीदवार भी थे. इनमें उग्र दक्षिणपंथी एएफडी, लेफ्ट पार्टी डी लिंके, पाइरेट्स और फ्री वोटर्स के उम्मीदवार थे. निर्वाचक मंडल में सबसे बड़े ग्रुप सीडीयू, सीएसयू और एसपीडी का साझा उम्मीदवार होने के कारण श्टाइनमायर की स्थिति शुरू से ही बहुत मजबूत थी. ग्रीन और एफडीपी ने भी उन्हें समर्थन दिया था. उन्हें 931 वोट मिले. लेफ्ट पार्टी ने कोलोन के राजनीतिशास्त्री और गरीबी विशेषज्ञ क्रिस्टॉफ बुटवेगे को दौड़ में भेजा था तो निर्वाचक मंडल में पहली बार शामिल एएफडी ने 75 वर्षीय अपने उपाध्यक्ष अलब्रेष्ट ग्लाजर को खड़ा किया. फ्री वोटर्स ने कानूनविद् अलेक्जांडर होल्ड को चुनाव लड़ाया.
लोकप्रिय राजनेता
फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर योहानेस राउ के बाद देश के राष्ट्रपति बनने वाले पहले एसपीडी नेता है. 61 वर्षीय श्टाइनमायर चांसलर मैर्केल के साथ 2005 से 2009 तक और उसके बाद 2013 से 2017 तक विदेश मंत्री रहे हैं. यूक्रेन संकट के दौरान उनके प्रयासों के लिए उन्हें खास सराहना मिली. विदेश मंत्री बनने से पहले वे एसपीडी के चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर की सरकार में चांसलर कार्यालय के मंत्री थे. उन्हें श्रम बाजार सुधारों को लागू करने का जिम्मेदार माना जाता है.
एमजे/एके (डीपीए, एएफपी)