फिलीपीन में अक़ीनो नाम का जादू
१० मई २०१०यहां तक कि राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने की सबसे अधिक संभावना वाले सेनेटर बेनिनो "नोयनोय" अक़ीनो को भी अपने गृह प्रदेश में अपना वोट डालने के लिए पांच घंटों तक इंतज़ार करना पड़ा. वोटिंग मशीन काम नहीं कर रही थी.
50 वर्षीय बेनिनो अक़ीनो की सबसे बड़ी योग्यता यही है कि भारत के गांधी-नेहरू परिवार की तरह वे भी एक प्रसिद्ध राजनैतिक परिवार की देन हैं. वे फिलीपीन की पहली महिला राष्ट्रपति कोराज़ोन अक़ीनो के पुत्र हैं, जिनकी कैंसर के कारण पिछले वर्ष अगस्त में मृत्यु हो गयी. उनके पिता सेनेटर बेनिनो अक़ीनो जूनियर भी अपने समय में एक प्रमुख विपक्षी नेता थे. अमेरिका में निर्वासन में रहने के बाद स्वदेश लौटने पर 21 अगस्त 1983 को उनकी राजधानी मनीला के हवाई अड्डे पर हत्या कर दी गयी थी. उस समय पुत्र बेनिनो 23 साल के थे.
अक़ीनो परिवार जनसत्ता का प्रतीक
पिता बेनिनो की हत्या ने फिलीपीन के तत्कालीन तानाशाह फ़र्डिनांड मार्कोस के विरुद्ध एक ऐसे आन्दोलन को जन्म दिया, जो वहां के इतिहास में "पीपल पॉवर" (जनसत्ता) आन्दोलन के नाम से जाना जाता है. इस आन्दोलन की पराकाष्ठा हुई तीन साल बाद कोराज़ोन अक़ीनो के देश का राष्ट्रपति बनने के साथ. इसीलिए फिलीपीन में बहुत से लोग दिवंगत अक़ीनो दंपति की "जनतंत्र-दाता" जोड़ी के तौर पर पूजा करते हैं.
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वर्तमान बेनिनो अक़ीनो भी 1987 में मरते-मरते बचे थे. उस साल सेना के विद्रोही सैनिकों ने उन की मां का तख्ता पलटने के लिए राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया. मां कोराज़ोन के तीन अंगरक्षक इस धावे में मारे गये और बेटे बेनिनो को भी पांच गोलियाँ लगीं, एक तो ठीक गर्दन में.
बेनिनो अक़ीनो अपने माता-पिता की एकलौती संतान हैं. उनकी अपनी कोई संतान अभी नहीं है, क्योंकि अभी तक कुंआरे हैं. यदि राष्ट्रपति बनते हैं, तो देश के पहले कुंआरे राष्ट्रपति कहलायेंगे. पर शायद बहुत देर तक नहीं. अफ़वाहें गर्म हैं कि तब वे अपनी प्रेमिका 30 साल की शालनी सोलेदाद के साथ शादी करेंगे. शालनी मनीला के एक उपनगर की नगरपालिका पार्षद हैं.
करिश्मे का अभाव
बेनिनो अक़ीनो के व्यक्तित्व में लोगों को सम्मोहित करने वाला कोई करिश्मा नहीं है. सारा समय सिगरेट पीते रहते हैं और अपने भाषणों में भ्रष्टाचार से लड़ने की माला जपा करते हैं. 12 साल से सांसद हैं, पर प्रशासनिक अनुभव नहीं रखते. सेवानिवृत्त हो रही वर्तमान राष्ट्रपति ग्लोरिया अर्रोयो 30 साल पहले उनकी प्रोफ़ेसर हुआ करती थीं.
चुनाव के मैदान में बेनिनो अक़ीनो के मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं 73 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति जोसेफ़ एस्त्रादा और 60 वर्षीय धनकुबेर मानी वियार. चुनावपूर्व के मत सर्वेक्षणों के अनुसार अक़ीनो को 39 से 42 प्रतिशत तक वोट मिल सकते हैं. उनके दोनो मुख्य प्रतिद्वंद्वी मत सर्वेक्षणों में इसके केवल आधे तक ही पहुंच पाये. पूर्व तानाशाह फ़र्डिनांड मार्कोस की 80 वर्षीय विधवा इमेल्डा मार्कोस भी इस दौड़ में शामिल हैं. लोगों की याद में उनकी सबसे बड़ी योग्यता यही है कि 1986 में जब उनके पति का तख्ता पलट दिया गया, तब राष्ट्रपति भवन में उनके, यानी इमेल्डा के, हज़ारों जूते मिले थे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/राम यादव
संपादन: महेश झा