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फ़र्राटा रेस का ख़िताब हेमिल्टन को

३ नवम्बर २००८

ब्रिटेन के लुईस हेमिल्टन फ़ॉर्मूला 1 के सबसे कम उम्र के चैंपियन बन गए हैं. 23 साल की उम्र में उन्होंने 2008 का ख़िताब जीत लिया, हालांकि उनकी यह जीत सिर्फ़ एक अंक से ही संभव हुई.

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चैंपियन हेमिल्टनतस्वीर: AP

ब्राज़ील के साओ पाओलो में 18वें और आख़िरी रेस में लुईस हेमिल्टन को जीत के लिए पांचवें नंबर पर आना ज़रूरी था, जबकि ब्राज़ील के फ़िलिपो मासा ने ख़िताब जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और अपने होम ट्रैक पर पहले नंबर पर बने हुए थे. रेस के आख़िरी चक्कर तक हेमिल्टन छठे नंबर पर थे और मासा की फ़रारी टीम ने जश्न मनाना भी शुरू कर दिया था लेकिन अचानक आख़िरी 10 सेकेंड में हेमिल्टन ने बाज़ी मार ली.

Formel 1 in Brasilien 2008
भीगे ट्रैक पर रेसतस्वीर: AP

पिछले साल सिर्फ़ एक अंक से ख़िताब गंवाने वाले हेमिल्टन को इस एक अंक का अहसास ख़ूब हो रहा होगा. इस बार इसी एक अंक ने उन्हें चैंपियन बना दिया और वह दुनिया के सबसे कम उम्र के फ़ॉर्मूला 1 चैंपियन बन गए. सिर्फ़ 23 साल में. मर्सिडीज़ मैकलैरेन चलाने वाले हेमिल्टन को रेस पूरी होने तक इस बात की ख़बर नहीं थी कि वह चैंपियन बने हैं या लगातार दूसरे साल उन्हें दूसरे नंबर पर ही रहना होगा.

ब्राज़ील की आख़िरी रेस शुरू होने से पहले हेमिल्टन ख़िताब के बहुत पास नज़र आ रहे थे. इस सीज़न में 18 में से पांच बार रेस जीत चुके हेमिल्टन दूसरे नंबर पर तभी आते, जब फ़िलिपो मासा रेस जीत जाते और हेमिल्टन पहले पांच स्थान पर भी न आ पाते. लगता तो यह मुश्किल था लेकिन रेस में कुछ भी हो सकता है. मासा लगातार पहले नंबर पर बने रहे और हेमिल्टन पांचवें नंबर पर.

Formel 1 in Brasilien 2008 Sieger Felipe Massa
पिछड़ गए मासातस्वीर: AP

लेकिन आख़िरी तीन चक्कर में समीकरण बदल गया. बारिश की वजह से भीगे टायरों को बदलने के लिए दोनों ही ड्राइवरों को रुकना पड़ा. हालांकि मासा इसके बाद भी पहले नंबर पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे, पर जर्मनी के तेज़ तर्रार ड्राइवर ज़ेबेस्टियन फ़ेटेल ने हेमिल्टन को पछाड़ दिया. उन्हें छठे नंबर पर धकेल दिया. रेस ख़त्म होने से कुल पल पहले तक यही स्थिति बनी रही. मासा पहले नंबर पर, हेमिल्टन छठे नंबर पर.

यहां तक कि मासा ने रेस पूरी भी कर ली और उनकी टीम में जश्न मनाया जाने लगा. लेकिन आख़िरी 10 सेकेंड में हेमिल्टन ने टोयोटा के टिमो ग्लोक को पछाड़ कर पांचवां नंबर हासिल कर लिया और इस तरह उन्होंने फ़ॉर्मूला 1 में इतिहास रच दिया. फ़रारी के ख़ेमे में ख़ुशी का माहौल ठंडा पड़ गया और मर्सिडीज़ मैकलेरेन का ख़ेमा ख़ुशी से दोगुना हो गया. ब्राज़ील के आयर्टन सेना ने 1991 में फ़ॉर्मूला 1 ख़िताब जीता था और लग रहा था कि 17 साल बाद मासा ब्राज़ील को यह ख़िताब दिला देंगे लेकिन ऐसा न हो सका.

रेस पूरी होने के बाद हेमिल्टन ने कहा कि वह इतने ख़ुश हैं कि उन्हें सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह उनकी ज़िन्दगी की सबसे मुश्किल रेस में से एक थी. मासा और हेमिल्टन दोनों ने इस सीज़न में पांच पांच रेस जीती लेकिन अंकों के आधार पर हेमिल्टन को 98 अंक मिले, मासा के 97 अंक से सिर्फ़ एक अंक ज़्यादा और वह इस साल के फ़ॉर्मूला 1 चैंपियन बन गए. पिछले साल किमी राइकोनन 110 अंक लेकर पहले नंबर पर रहे थे, जबकि हेमिल्टन 109 अंक के साथ दूसरे नंबर पर.