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फलीस्तीन को नहीं मना पाए वेस्टरवेले

१३ सितम्बर २०११

जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले मध्यपूर्व के दौरे पर फलीस्तीनी नेताओं को संयुक्त राष्ट्र सदस्यता की जिद छोड़ने को मनाने में विफल रहे हैं, जबकि अरब देशों ने इस्राएल और अमेरिका के विरोध के बावजूद इसका समर्थन किया है.

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तस्वीर: picture alliance / dpa

वेस्टरवेले से बातचीत के बाद फलीस्तीनी विदेश मंत्री रियाद मल्की ने कहा कि जर्मनी का रवैया सकारात्मक नहीं है और बर्लिन सदस्यता की कोशिश का समर्थन नहीं करता. मल्की ने कहा, "यूरोपीय संघ के दूसरे सदस्यों की तरह जर्मनी का रुख सकारात्मक नहीं है." उधर वेस्टरवेले के साथ दौरा कर रहे जर्मन विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि जर्मन रुख पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है. नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, जर्मनी तब तक अंतिम फैसला नहीं लेगा जब तक यह पता नहीं है कि टेबल पर क्या रखा जा रहा है. सोमवार को वेस्टरवेले ने जॉर्डन के विदेश मंत्री नसर जूदेह से कहा था कि जर्मनी को उम्मीद है कि यूरोपीय संघ एक साझा दृष्टिकोण तय करेगा.

NO FLASH Aussenminister Guido Westerwelle zu Besuch in Jordanien
तस्वीर: picture-alliance/dpa

उधर काहिरा में अरब देशों के विदेश मंत्रियों ने तय किया है कि अरब देश फलीस्तीनी सदस्यता के लिए समर्थन जुटाएंगे. इस्राएल की यहूदी बस्तियों में विस्तार की नीति के चलते फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अमेरिका की मध्यस्थता में हो रही बातचीत से बाहर निकलने की घोषणा की थी. अब 20 सितंबर को शुरु होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में राष्ट्रपति अब्बास फलीस्तीन को संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता दिए जाने का आग्रह कर सकते हैं.

अरब लीग के प्रमुख नबील अल अरबी ने विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद कहा कि फलीस्तीनी सदस्यता का लक्ष्य पाने तक दूसरे देशों के साथ संवाद और संचार जारी रहेगा. इस बैठक से पहले अब्बास ने काहिरा में यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख कैथरीन ऐशटन से मुलाकात की थी. ऐशटन ने अरब विदेश मंत्रियों की मध्यपूर्व समिति की बैठक में कुछ देर हिस्सा लिया और फलीस्तीनी सदस्यता पर यूरोपीय रुख के बारे में जानकारी दी. मिस्र की समाचार एजेंसी मेना के अनुसार ऐशटन ने कहा कि यूरोपीय संघ वार्ता के माध्यम से फलीस्तीनी राज्य के गठन का समर्थन करता है.

फलीस्तीनी नेता संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता का आवेदन इसी साल करने को आमादा हैं. वरिष्ठ फलीस्तीनी वार्ताकार साएब एरेकात ने वार्ता में गतिरोध के लिए इस्राएल की बस्ती बसाने की नीति को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सदस्यता का आवेदन वार्ता को प्रभावित नहीं करेगा. एरेकात ने कहा, "इसके विपरीत यह दो राज्यों के सिद्धांत की नींव रखता है."

इस्राएल तो संयुक्त राष्ट्र में फलीस्तीनी सदस्यता का विरोध कर ही रहा है, अमेरिका ने कहा है कि वह सुरक्षा परिषद में सदस्यता के प्रयास को वीटो कर देगा. अमेरिका का कहना है कि फलीस्तीनी राज्य की स्थापना वार्ता के जरिए होनी चाहिए. फलीस्तीनियों ने धमकी दी है कि यदि सुरक्षा परिषद में सदस्यता के उनके आवेदन को वीटो किया जाता है तो वे अपना आवेदन लेकर महासभा जाएंगे. महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा बढ़ाकर नॉन-मेम्बर स्टेट का दर्जा पाने के आवेदन को आसानी से बहुमत मिलने की संभावना है.

NO FLASH Bundestag Westerwelle Rösler Merkel
तस्वीर: picture alliance / dpa

राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा है कि अमेरिका की 47 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता रोकने की धमकी के बावजूद फलीस्तीनी संयुक्त राष्ट्र सदस्यता के लिए आवेदन करेंगे. संयुक्त राष्ट्र नियमावली के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता पाने के लिए सुरक्षा परिषद की सिफारिश और महासभा में दो तिहाई बहुमत जरूरी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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