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प्यार में धोखा, डिटेक्टिव की मौज

२ अक्टूबर २०१२

प्यार में धोखे खाये प्रेमियों के लिए मसूद हैदर एक मसीहा बन कर आए हैं. प्यार की इस तरह की परीक्षा की नैतिकता पर सवाल तो बड़े खड़े होते हैं, लेकिन हैदर का बिजनेस खूब चल रहा है.

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तस्वीर: Fotolia/Albert Schleich

फोन बजने के कुछ ही देर बाद मसूद हैदर अपनी टीम को मैदान पर भेज देते हैं. पाकिस्तान के रूढ़िवादी मुस्लिम समाज में ज्यादातर शादियां परिवारों द्वारा तय की जाती हैं और धोखा देने पर पति या पत्नी को मौत की सजा दी जा सकती है. हैदर की एजेंसी फैक्टफाइंडर्स धोखा देने वाले पतियों और पत्नियों का पता लगाते हैं.

वक्त बदल गया है और शायद हैदर की खुफिया एजेंसी इस बात की मिसाल भी है. कहते हैं, "20 या 25 साल पहले जो बात गलत मानी जाती थी आज उसे बुरा नहीं माना जाता." उनका मानना है कि अगर लोग यह बात मान लें कि दो लोग साथ नहीं रह सकते तो शादी को खत्म करना बेहतर होता है. शरिया कानून के मुताबिक शादी के बाद साथी को धोखे की सजा मौत हो सकती है. वास्तव में ऐसा नहीं होता लेकिन कई बार लोग कानून को अपने हाथों में ले लेते हैं, खास तौर से गांवों में.

हैदर की टीम में 30 लोग हैं जो पूरे पाकिस्तान में उनका काम संभालते हैं. ज्यादातर लोग सेना या पुलिस में काम कर चुके हैं. 32 साल की फातिमा ब्रिटेन के स्कॉटलैंड यार्ड में काम कर रही थीं. उसके बाद उन्होंने फैक्टफाइंडर्स में काम करना शुरू किया. हैदर की टीम उन लोगों के बारे में भी बताती है जो हर हालत में पकड़े जाने से बचना चाहते हैं. जैसे कराची का एक अमीर आदमी ड्राइवर के वेश में अपनी प्रेमिका से मिलने जाता था. उसका पता लगाने के लिए हैदर की टीम की एक महिला को नौकरानी के वेश में उसके मकान में भेजा गया.

Libanon Wer macht den ersten Schritt Mann oder Frau
तस्वीर: Fotolia/detailblick

महिलाएं भी हैदर की एजेंसी का खूब फायदा उठा रही हैं. हालांकि इसमें खूब पैसे भी लगते हैं. जांच दर्ज करने के साथ साथ 5,500 डॉलर देने पड़ते हैं और पाकिस्तान में ज्यादातर घरों के लिए इतना पैसा जमा करना नामुमकिन है. हैदर की एक ग्राहक कहती हैं, "अगर महिलाएं इतने पैसे दे सकती तो पाकिस्तान की 80 प्रतिशत महिलाएं ऐसा करतीं. हमारी संस्कृति में महिलाओं को हतोत्साहित किया जाता है. उनसे उम्मीद की जाती है कि वे चुप रहें. मुझे अब और नहीं डरना." लेकिन धोखा देने में भी महिलाएं पीछे नहीं है. हैदर का कहना है कि उनका पहला मामला एक धोखा देने वाली पत्नी के सिलसिले में था.

हैदर के मुताबिक शादी के पांच साल के अंदर लोग धोखा देना शुरू करते हैं या फिर शादी के 20 साल बाद. पाकिस्तान में भी तलाक के मामले बढ़ रहे हैं. 2011 में 557 तलाक दर्ज किए गए जबकि 2002 में केवल 208 लोगों ने तलाक दिया था. 150 मामलों के बाद अब भी हैदर कभी कभी चौंक जाते हैं. "एक ग्राहक ने अपनी पत्नी को उसके प्रेमी के साथ पकड़ लिया. शर्मिन्दा होने के बजाय उसने अपने प्रेमी पर दोष मढ़ा और कहा, "इस बुद्धू की वजह से मैं पकड़ी गई, नहीं तो मैं यह तीन साल से कर रही थी." और मैं सोच रहा था, जरा इस महिला की हिम्मत तो देखो!

एमजी/एमजे (रॉयटर्स)

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