पेरिस में क्यों हो रही है मूत्र से पौधों की सिंचाई
दुनिया में प्यार के शहर के रूप में मशहूर पेरिस के कई कोनों में आने वाली बदबू से वहां के निवासी और पर्यटक परेशान थे. कोने में पेशाब करने के कारण आने वाली बदबू से निपटने के लिए एक अनोखा इकोफ्रेंडली तरीका निकला है, देखिए.
लंबे समय से थी परेशानी
पेरिस के कई इलाकों में पैदल रास्तों और बस या ट्रेन स्टेशन के पास से गुजरना मुश्किल हो रहा था. पेशाब की बदबू से परेशान लोग उससे झुटकारा तो चाहते थे लेकिन शहर के प्रशासन को लंबे समय से इसका कोई अच्छा उपाय नहीं मिल रहा था.
मुफ्त पब्लिक टॉयलेट
पेरिस में पहले से जगह जगह मुफ्त सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था है. यह पूरी तरह स्वचालित हैं जहां हर बार इस्तेमाल के बाद अपने आप उनकी सफाई भी हो जाती है. इसके बावजूद कुछ कोने ऐसे बन गए ते जहां लोग बार बार पेशाब करते रहते थे.
निकाला इकोफ्रेंडली तरीका
एक रेलवे स्टेशन के पास दो तरह के अनोखे पब्लिक टॉयलेट के परीक्षण का प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है.
मुफ्त में बने कम्पोस्ट
तस्वीर में दिख रहे इस लाल टॉयलेट में आगे के हिस्से में पेशाब किया जा सकता है और पीछे के हिस्से में लगे पौधे तक मूत्र के अंदर पाए जाने वाले यूरिया को पहुंचाने की व्यवस्था है. नीचे लगे इस बॉक्स में फूस रखी जाती है.
लोग भी खुश और पौधे भी
फूस में जाकर गिरने वाला मूत्र फूस के साथ मिल जाता है और पौधे के साथ मिलकर वह कम्पोस्ट खाद बन जाता है, जिसे पार्कों में इस्तेमाल किया जा सकता है. फूस में ज्यादा कार्बन होने के कारण मूत्र पड़ने पर बदबू भी कम आती है.
दो तरह के टॉयलेट
फ्रेंच भाषा में 'यूरीत्रोतॉयर' कहे जाने वाले ये इनोवेटिव टॉयलेट दो आकारों में उपलब्ध हैं. इसका अर्थ होता है फुटपाथ का टॉयलेट. इसमें 600 लोगों तक के मूत्र को सोखने की क्षमता है. ऐसे हर टॉयलेट का दाम करीब 3,000 यूरो है.
जब भर जाए, तो..
इसमें इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग सेंसर लगे हैं, जो टॉयलेट के भरने पर सिग्नल दे देते हैं. फिर सफाईकर्मी इन्हें खाली कर सकते हैं. इसे फालटाजी नाम की डिजाइन कंपनी में बनाया है.
और महिलाओं के लिए?
तस्वीर में दिख रहे 45 साल के इंजीनियर लोराँ लेबो और विक्टर मसिपा ने यह अनोखा टॉयलेट बनाया है. वे अब महिलाओं के लिए भी ऐसा उपाय निकालने के बारे में सोच रहे हैं. लेकिन उससे पहले इस परीक्षण के नतीजों का इंतजार है. (मेलानी हॉल/आरपी)