पेरिस की 8 दिलकश बातें
फ्रांसी की राजधानी पेरिस दुनिया भर के सैलानियों के लिए किसी सपने जैसी है. हर साल डेढ़ करोड़ से भी अधिक लोग प्रेम की नगरी पेरिस को देखने पहुंचते हैं. जानिए ऐसी क्या खास बात है इस शहर में...
कला का शहर
पेरिस में 200 से ज्यादा संग्रहालय है. 1793 में खुला म्यूजे दु लूव्र दुनिया के कुछ सबसे खास संग्रहालयों में से एक है. यहां कला के 35 हजार से ज्यादा नमूने रखे गए हैं. यहीं लियोनार्डो द विंची की विश्व प्रसिद्ध पेंटिंग मोना लिसा भी मौजूद है.
प्रेम की नगरी
पेरिस के उत्तर में 130 मीटर ऊंची मोंमार्त्र पहाड़ी पर प्रेम की दीवार है. 40 वर्ग मीटर की इस दीवार पर कलाकारों ने 612 टाइल्स पर 300 भाषाओं में 'आई लव यू' लिखा है.
फैशन का शहर
कोको शनेल ब्रांड को महिलाओं के फैशन में बड़ी क्रांति लाने वाला माना जाता है. क्रिस्चियाँ डियो ने 'नए लुक' और ईव्स साँ लॉरां ने बाजार में महिलाओं के लिए ट्राउजर सूट प्रस्तुत किए. जर्मन अभिनेत्री रोमी श्नाइडर कहती हैं, "पेरिस में मैंने जीना, प्यार करना, एक जगह से दूसरी जगह जाना और खासकर तैयार होना सीखा."
दार्शनिकों का शहर
सोचना, बहस करना और दुनिया में नएपन की पहल के लिए पेरिस का साँ जर्मेन दे प्रे का कैफे दे फ्लॉ कलाकारों के बीच हमेशा से मशहूर रहा है. 1930 में कला वर्ग से जुड़े असामान्य जीवनशैली वाले बोहेमियन लोग देर रात यहां विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए इकट्ठा हुआ करते थे.
संगीत का शहर
सितंबर में टेक्नो संगीत के करीब 35 हजार फैन पेरिस की सड़कों पर एक साथ नाचते थिरकते नजर आए. इस शहर का संगीत के प्रति प्रेम किसी से छुपा नहीं है.
खाने के शौकीन
फ्रांस निवासी खानपान के बेहद शौकीन हैं. फ्रांसीसी खाने का मजा लेना है तो पेरिस को नहीं भूला जा सकता. छोटे बड़े सभी तरह के रेस्तरां मेहमानों का खूब ख्याल रखते हैं और लज्जत से भर देते हैं.
शहर की खूबसूरती
सेन नदी के किनारे 1991 से यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल हैं. दक्षिणी और उत्तरी किनारों को शहर के 37 पुल जोड़ते हैं.
आजादी, बराबरी और भाईचारा
पेरिस के सबसे बड़े स्क्वेयर में से एक प्ले दे ला रिपब्लीक शहरवासियों का अभिमान है. इस स्क्वेयर पर फ्रांसीसी गणतंत्र की पहचान मरियन की मूर्ती को देखना अद्भुत है. 2013 में इस इलाके को केवल पैदल चलने वालों के लिए सीमित कर दिया गया. हालिया हमलों के बाद इस इलाके को सद्भावना, एकता और आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शनों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता रहा है.