पुलिसिया हिंसा के बाद अमेरिकी शहर शार्लट में आपातकाल
२२ सितम्बर २०१६अमेरिका के नॉर्थ कैरोलाइना के शार्लट शहर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही. एक ब्लैक व्यक्ति की पुलिस की गोली से हुई मौत के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय के लोग इसे नस्ल आधारित हिंसा का मामला मानते हैं. बुधवार रात को एक दिन पहले मारे गए 43 साल के कीथ लैमॉन्ट स्कॉट के लिए आयोजित प्रार्थना सभा के दौरा हुई हिंसा में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया. शार्लट के गवर्नर ने हालात की गंभीरता देखते हुए शहर में इमरजेंसी लागू कर दी है. गवर्नर पैट मैकक्रोरी ने ट्विटर पर भी अपने इस कदम की जानकारी दी और बताया कि वे नेशनल गार्ड और हाईवे पेट्रोल ऑफिसर्स को स्थानीय कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद का आदेश दे रहे हैं.
बुधवार को दिन में सैकड़ों विरोध प्रदर्शकारियों ने शार्लट पुलिस कार्यालय तक रैली निकाली. उन्होंने "नो जस्टिस! नो पीस!" जैसे नारे लगाए और एक युवा ने हाथ में तख्ती ले रखी थी, जिस पर लिखा था "माय लाइफ मैटर्स." पिछले कई महीनों में अमेरिका में 'ब्लैक लाइफ मैटर्स' एक बड़ा अभियान बन चुका है. मृतक कीथ स्कॉट की हत्या के बाद मंगलवार को हुई हिंसा में 16 पुलिस अधिकारी और कई प्रदर्शकारी घायल हुए थे. बुधवार शाम भी पुलिस के चार अधिकारियों के घायल होने की सूचना पुलिस विभाग ने अपने ट्विटर अकाउंट से दी.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों ने इन घटनाओं पर प्रतिक्रियाएं दी हैं. जहां डेमोक्रैट हिलेरी क्लिंटन ने लिखा, "कीथ स्कॉट. टेरेंस क्रचर. और भी कई सारे. ये सब रुकना ही चाहिए." वहीं रिपब्लिकन डॉनल्ड ट्रंप ने "मेक अमेरिका सेफ अगेन" का अपना नारा दोहराते हुए ट्वीट किया.
बेटन रूज, लुजियाना, सेंट पॉल, मिनेसोटा, टुल्सा और अब शार्लट में पुलिस पर अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय के लोगों पर भेदभावपूर्ण रवैया रखने और नस्ल के कारण उन पर अविश्वास और हमले करने के आरोप लगते आए हैं. अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने कहा है कि वह टुल्सा शूटआउट की स्थानीय जांच के दौरान ही केंद्रीय मानवाधिकार जांच भी करवाएगा.
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