पुलिसवाले देंगे भिखारी को हर्जाना
१६ जनवरी २०११राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सुनवाई के बाद दिए अपने आदेश में कहा है कि गोवा पुलिस शेल्टन मेसियर को हर्जाने के रूप में 50 हजार रुपये दे.
घटना जून 2009 की है. इन पुलिसकर्मियों ने एक अपाहिज भिखारी को उठाकर कचरे के ढेर में डाल दिया. अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस गलती के लिए दो पुलकर्मियों को दोषी ठहराया है और उन्हें हर्जाना देने का आदेश दिया है.
पुलिस वालों ने जब मेसियर को कचरे के ढेर में डाला तब शहर में भारी बारिश हो रही थी. मेसियर का एक पांव लकवे से पीड़ित है वो रोता चीखता रहा. तभी वहां से गुजर रहे एक वकील ने उसकी आवाज सुन ली और उसे वहां से बाहर निकाल कर उसकी जान बचाई.
बाद में इसी वकील की मदद से मेसियर ने गोवा पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास भारत में मानवाधिकार उल्लंघन की सूरत में न्यायिक कार्रवाई करने का अधिकार है. आयोग के इस फैसले की सूचना शनिवार को दी गई.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ओ सिंह