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पाकिस्तान से रिश्तों पर ख़ुश होलब्रुक

१५ मार्च २०१०

अमेरिकी विशेष दूत रिचर्ड होलब्रुक ने कहा है कि पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में आई बेहतरी बड़ा क़दम है. ख़ासकर पाकिस्तान ने माना है कि अफ़ग़ान तालिबान और पाकिस्तानी तालिबान में कोई अंतर नहीं है.

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रिचर्ड होलब्रुक और यूसुफ़ रज़ा गिलानीतस्वीर: AP

पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के लिए नियुक्त अमेरिकी दूत होलब्रुक ने स्थानीय और अफ़ग़ान तालिबान के खिलाफ़ अभियान पाकिस्तान की सफलता को सराहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर मौजूद अल क़ायदा को कड़े दबाव का सामना करना पड़ रहा है.

Lashkar-e-Taiba Afghanistan Taliban
तस्वीर: AP

सीएनएन के साथ बातचीत में होलब्रुक ने कहा, "अगर अफ़ग़ान तालिबान और पाकिस्तान तालिबान में किसी तरह का कोई अंतर रहा भी है तो वह ख़त्म हो रहा है. इस बारे में पाकिस्तान का भी यही रुख़ है. होलब्रुक ने कहा कि तालिबान ने स्वात और दक्षिणी वज़ीरिस्तान के अलावा लाहौर, रावलपिंडी, इस्लामाबाद और कराची जैसे शहरों में भी हमले किए हैं जिससे यह अंतर कम हुआ है."

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी, प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी और अन्य नेताओं के साथ अमेरिकी अधिकारियों की मुलाक़ातों का हवाला देते हुए होलब्रुक ने कहा, "साफ़ तौर पर हम मानते हैं कि हम उनके साथ निकटता से मिलकर काम कर रहे हैं. और मुझे लगता है कि यह बड़ी प्रगति है."

जब होलब्रुक से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान उत्तरी वज़ीरिस्तान में छिपे अफ़ग़ान तालिबान के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करेगा, तो उन्होंने कहा कि स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद पाकिस्तान को यह तय करना है. उनके मुताबिक़, "उन्होंने अफ़ग़ान तालिबान के नंबर दो नेता मुल्ला ब्रादर को गिरफ़्तार किया है. यह एक बड़ी कामयाबी है. उन्होंने भारत से लगने वाली सीमा से हज़ारों सैनिकों को हटाकर अफ़ग़ानिस्तान से लगने वाली सीमा पर तैनात किया है. स्वात में अभी उनकी दो डिवीज़न हैं और दक्षिणी वज़ीरिस्तान में भी कई डिवीज़न तैनात हैं."

होलब्रुक ने कहा कि उत्तरी वज़ीरिस्तान में जाना पाकिस्तान सेना के लिए अहम हैं और वे इस बात को जानते हैं, लेकिन इस बारे में फ़ैसला पाकिस्तान को लेना है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़