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पाकिस्तान में यू ट्यूब पर पाबंदी का निर्देश

२४ जून २०१०

लाहौर हाईकोर्ट ने यू ट्यूब, गूगल, याहू, एमएसएन और हॉटमेल समेत कई वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया. अदालत का मानना है कि इन वेबसाइट्स के जरिए मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है.

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लाहौर हाईकोर्ट की भवालपुर पीठ ने बुधवार को आदेश दिया कि मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली नौ बेवसाइटों पर प्रतिबंध लगाया जाए. प्रशासन को दिए आदेश में कहा गया है कि एमएसएन, हॉटमेल, याहू, इस्लाम एक्सपोज्ड, इन द नेम ऑफ अल्लाह, अमेज़ोन, बिंग, गूगल और यू ट्यूब पर पाबंदी लगाई जाए. वकील लतीफ उर रहमान ने कहा, ''अल्लाह, पैगंबर मोहम्मद और कुरान के खिलाफ निंदनीय सामग्री'' वाली इन बेवसाइटों पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है.

पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी, पीटीएके अधिकारियों को 28 जून को अहम दस्तावेजों के साथ अदालत में पेश होने का आदेश भी दिया गया है. अदालत के फैसले को विस्तार से बताते हुए लतीफ उर रहमाने ने कहा, ''सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सचिव के जरिए यह निर्देश दिए गए हैं कि वह पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन के अध्यक्ष को इस संबंध में आदेश दे.''

Screenshot Suchmaschine msn von Microsoft
निशाने पर MSN भी

उधर पीटीए के अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें सरकार से अब तक किसी वेबसाइट पर पाबंदी लगाने के निर्देश नहीं मिले हैं. एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें अदालत के फैसले की लिखित कॉपी का इंतजार है. अदालत के फैसले का विरोध होना भी शुरू हो गया है. पाकिस्तान में इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने वाले संघ के संयोजक वाहज उस सिराज ने कहा, ''यह पाबंदी एक हाइवे को बंद करने जैसी है. इससे पाकिस्तान पूरी दुनिया से कट जाएगा. ऐसे फैसले तकनीकी मामलों के प्रशासन को लेने चाहिए, अदालतों को नहीं.''

पाकिस्तान में पिछले महीने भी अदालत ने फेसबुक और अन्य वेबसाइट्स पर करीबन दो हफ्ते की रोक लगा दी थी. मानवाधिकार संगठन इस तरह के फैसलों से नाराज हैं. अदालत के ताजा फैसले के बारे में उनका कहना है कि अगर इसे अमल में लाया गया तो इंटरनेट की दुनिया में पाकिस्तान अपंग हो जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़