पाकिस्तान में अपहरण को नाकाम कर भागा पत्रकार
१० जनवरी २०१८ताहा सिद्दिकी 'फ्रांस 24' के लिए रिपोर्टिंग करते हैं और वे भारतीय टीवी चैनल वियोन के पाकिस्तान में ब्यूरो चीफ हैं. ताहा सिद्दिकी का कहना है कि वह इस्लामाबाद के एयरपोर्ट के लिए टैक्सी में जा रहे थे उसी दौरान कुछ लोगों ने उनका अपहरण करने की कोशिश की. अपने एक दोस्त के ट्वीट अकाउंट से सिद्दिकी ने ट्वीट किया है, "मैं सुबह 8:20 बजे एयरपोर्ट के रास्ते में था तभी 10-12 हथियारबंद लोगों ने मेरी गाड़ी रोकी और मेरा अपहरण करने की कोशिश की. मैं किसी तरह से भागा. फिलहाल सुरक्षित और पुलिस के साथ हूं." इसके बाद उन्होंने इसी ट्वीट में यह भी जोड़ा, "किसी भी रूप में सहयोग के इंतजार में हूं, #stopEnforcedDisappearances"
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पिछले साल कई सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं के अपहरण की निंदा की है. माना जाता है कि देश का सैन्य प्रशासन अपनी आलोचना को बंद करने के लिए ऐसे कामों में लिप्त है. पिछले साल पांच पाकिस्तानी ब्लॉगर कई हफ्ते तक लापता रहे. बाद में इनमें से चार लोगों की रिहाई हुई. यह सभी इसके बाद देश के बाहर चले गए और फिर उन्होंने मीडिया को बताया कि लापता रहने के दौरान उन्हें देश की खुफिया एजेंसियों ने प्रताड़ित किया.
सेना और सरकार ने इस तरह से लोगों के गायब होने के पीछे अपनी भूमिका होने से साफ इनकार किया है. बीते सालों में उग्रवादियों ने भी पत्रकारों को निशाना बनाया है.
सिद्दिकी ने पुलिस स्टेशन से समाचार एजेंसी से बात की, जहां वे इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करा रहे थे. उन्होंने बताया कि हाइवे पर अचानक पीछे से आई एक कार उनकी टैक्सी के सामने आकर रुक गई. करीब दर्जन भर लोग राइफल और रिवॉल्वर लेकर गाड़ी से बाहर निकले और उन्हें "टैक्सी से बाहर खींच कर मारने की धमकी" दी. सिद्दिकी के मुताबिक, "इसके बाद मुझे मेरी टैक्सी के पिछले हिस्से में डाल दिया लेकिन दूसरी तरफ का दरवाजा खुला रह गया. मैं वहां से कूद गया और भाग कर पास ही मौजूद एक दूसरी टैक्सी में बैठ गया. इसके बाद ड्राइवर मुझे वहां से बचा कर ले आया."
सिद्दिकी ने पिछले साल कोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई थी कि सुरक्षा एजेंसियों को उन्हें प्रताड़ित करने से रोका जाए.
एनआर/एके (रॉयटर्स)