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ट्रंप रोकेंगे पाकिस्तान की सहायता राशि

१ जनवरी २०१८

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नए साल की शुरुआत काफी गुस्से के साथ हुई है और यह गुस्सा पाकिस्तान पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. ट्रंप ने पाकिस्तान को झूठा और धोखेबाज बताया.

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USA Trump unterzeichnet Tax Cut Bill
तस्वीर: picture alliance/dpa/Pool/CNP/Med/M. Theiler

डॉनल्ड ट्रंप ने ट्विटर के जरिए पाकिस्तान पर गुस्सा निकाला है. देश और दुनिया को नए साल की शुभकामनाएं देने के बाद, यह राष्ट्रपति ट्रंप का इस साल का पहला ट्वीट है. उन्होंने लिखा, "पिछले 15 साल से पाकिस्तान अमेरिका को बेवकूफ बनाकर 33 अरब डॉलर की सहायता प्राप्त कर चुका है और उसने बदले में हमें सिर्फ झूठ और धोखे के अलावा कुछ नहीं दिया, वह हमारे नेताओं को बेवकूफ समझता है. वह उन आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह मुहैया कराता है, जिन्हें हम अफगानिस्तान में तलाश रहे हैं. अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."

पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा था कि ट्रंप सरकार ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25.5 करोड़ डॉलर की मदद राशि को रोक कर रखा हुआ है और शायद वह उसे यह देने से इनकार भी कर दे. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि ट्रंप ने खुल कर पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया हो. इससे पहले उन्होंने बीते साल अगस्त में भी कहा था कि पाकिस्तान आतंकी तत्वों को सुरक्षा मुहैया कराता है. पिछले महीने ही उन्होंने पाकिस्तान को मिलने वाली सहायता राशि को रोकने की ओर इशारा भी किया. राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर बात करते हुए उन्होंने कहा था, "हम हर साल पाकिस्तान को इतना धन देते हैं. उन्हें हमारी मदद भी करनी होगी."

हालांकि पाकिस्तान इससे हमेशा ही इनकार करता आया है कि वह किसी भी तरह से आतंकियों का साथ देता है. लेकिन ट्रंप के इस ट्वीट के बाद से अब तक पाकिस्तान की ओर से कोई प्रतिक्रया नहीं आई है और ना ही व्हाइट हाउस ने इस पर कोई बयान जारी किया है कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों में और किस किस तरह से बदलाव देखे जाएंगे.

पाकिस्तान के बाद ट्रंप ने ट्विटर पर ईरान पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि ओबामा सरकार के साथ समझौता करने के बाद भी ईरान हर तरह से विफल होता दिख रहा है. ईरान में सरकार के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों पर उन्होंने लिखा है, "ईरान के लोग खाने और आजादी के लिए भूखे हैं. मानवाधिकारों के साथ साथ वहां की संपत्ति भी लूटी जा रही है. अब बदलाव का वक्त आ गया है."

आईबी/एके (एएफपी, एपी)