1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पाकिस्तान के दोस्तों का संदेशः बिन सेवा मेवा नहीं

१६ अक्टूबर २०१०

दुनिया की बड़ी ताकतों ने कहा है कि पाकिस्तान को बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपने अमीर तबके से और पैसा लेना चाहिए. ब्रसेल्स में फ्रेंड्स ऑफ डेमोक्रैटिक पाकिस्तान की बैठक हुई.

https://p.dw.com/p/PfRu
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटनतस्वीर: AP

बैठक में दुनिया के ताकतवर देशों ने कहा कि बाढ़ पीड़ित पाकिस्तान को मदद देना असल में लेन देन की प्रक्रिया है. इसके बदले पाकिस्तान ने अफगानिस्तान और तालिबान के बीच बातचीत करवा कर क्षेत्र में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी संभाली है.

उधर अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान से मांग की कि वह बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपने अमीर तबके से पैसा ले. क्लिंटन ने कहा, "देश के संपन्न तबके से टैक्स ढांचे में बदलाव के जरिए पैसा लिया जाना चाहिए." क्लिंटन ने साफ किया कि बिना सेवा के मेवा नहीं मिल सकता.

जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा कि पाकिस्तान को ज्यादा स्थिर होने के लिए सुधार करने होंगे. वेस्टरवेले ने कहा, "आप जितना चाहे पैसा उगाह सकते हैं लेकिन जब तक सुधार नहीं होंगे, यह काफी साबित नहीं होगा." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अमीर और गरीब के बीच एक संतुलन बनाना बहुत जरूरी है.

इस बैठक में पाकिस्तान को और ज्यादा मदद देने पर भी चर्चा हुई. विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक ने अनुमान लगाया है कि अपने इतिहास की सबसे भयानक बाढ़ से हुए नुकसान से उबरने के लिए पाकिस्तान को 9.7 अरब डॉलर की जरूरत है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें