पाकिस्तान की समृद्ध संस्कृति को वैलेंटाइंस डे से खतरा
१३ फ़रवरी २०१७इस आदेश के साथ ही इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने अखबारों और टेलीविजन चैनलों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे "वैलेंटाइंस डे का प्रचार करना तुरंत बंद करें." अदालत ने पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी को भी तलब किया. अदालत ने सार्वजनिक जगहों पर वैलेंटाइंस डे पर तुरंत प्रभाव से लगाई गई रोक के संबंध में किये जाने वाले इंतजामों का जवाब मांगा. सोमवार को हुए इस फैसले के तहत कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी को मीडिया पर सख्त नजर रखने का आदेश भी दिया.
वैलेंटाइंस डे के प्रमोशन के खिलाफ यह याचिका अब्दुल वहीदन ने दायर की थी. वहीद ने दलील दी कि मुख्य धारा के मीडिया और सोशल मीडिया में वैलेंटाइंस का प्रमोशन जिस तरह किया जा रहा है वह "इस्लामिक शिक्षा के खिलाफ है और इस पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए."
याचिका में सार्वजनिक जगहों पर वैलेंटाइंस डे मनाने पर भी रोक लगाने की मांग की गई. याचिकाकर्ता के मुताबिक, "प्रेम जाहिर करने की आड़ में अनैतिकता, नग्नता और बदतमीजी को बढ़ावा दिया जा रहा है, ये चीजें हमारी समृद्ध संस्कृति के खिलाफ हैं."
भारत की ही तरह पाकिस्तान में भी हर साल वैलेंटाइंस डे के मौके पर लोगों की अलग अलग राय होती है. कुछ इसका समर्थन करते हैं और तो कुछ विरोध. दक्षिण एशिया के इन देशों में 14 फरवरी का दिन अब एक बड़ा कारोबारी दिन भी बन चुका है. वैलेंटाइंस डे के मौके पर तोहफों और गुलाबों की खूब बिक्री होती है. बड़े शहरों में रेस्तरां और डिलीवरी सेवाएं भी खूब व्यस्त रहती हैं.
पाकिस्तान में वैलेंटाइंस का विरोध करने वाले इसे "हया का दिन" यानि शर्म के दिन के रूप में प्रचारित कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर वैलेंटाइंस डे को ना कहो, नाम का ट्रेंड भी चल रहा है. लेकिन पाकिस्तान में इस पर राजनीति भी खूब होती रही है. बीते साल राष्ट्रपति मामनून हुसैन ने देशवासियों से वैलेंटाइंस डे का बहिष्कार करने की अपील की थी. राष्ट्रपति ने इसे पश्चिम की परंपरा बताया और कहा कि इस्लामी रीति रिवाज में इसकी कोई जगह नहीं.
हालांकि इस मौके पर पाकिस्तानी राष्ट्रपति भारत की आलोचना करना नहीं भूले. उन्होंने कहा, "वैलेंटाइंस डे का हमारी संस्कृति से कोई नाता नहीं इसीलिए इससे दूरी बनाई जानी चाहिए. इसके खराब नतीजे हमारे एक पड़ोसी देश पर देखे जा सकते हैं."
(ऐसी है पाकिस्तानी लोगों की आम जिंदगी)
ओएसजे/एमजे (एएफपी)