पाकिस्तान की अदालत में पेश हुए नवाज शरीफ
३ नवम्बर २०१७इस्लामाबाद की अदालत में नवाज शरीफ के साथ उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद मोहम्मद सफदर भी थे. बहुत कम देर चली सुनवाई में शरीफ ने पचास लाख पाकिस्तानी रुपये के दो मुचलके भरे और उसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत से बाहर निकल गये. अदालत अब अगली सुनवाई 7 नवंबर को करेगी. पूर्व प्रधानमंत्री को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जुलाई में पद छोड़ना पड़ा. अक्टूबर की शुरुआत में कोर्ट में पेश ना होने के बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ. बीते दिनों में उनका ज्यादातर वक्त लंदन में ही बीता यहां उनकी पत्नी के कैंसर का इलाज चल रहा है. गुरुवार को ही वह पाकिस्तान वापस लौटे थे.
70 साल के पाकिस्तान के इतिहास में नवाज शरीफ 15वें प्रधानमंत्री हैं जिन्हें अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद छोड़ना पड़ा. पिछले साल पनामा पेपर लीक में उनका नाम आने के बाद उन पर आरोप लगे. इसके बाद मीडिया में उनकी शाही जीवनशैली और उनके परिवार के नाम लंदन में आलीशान संपत्तियों का ब्यौरा सामने आया. शरीफ और उनके समर्थक आरोपों से इनकार करते हैं और इन सबके पीछे सेना की राजनीतिक साजिश होने का दावा करते हैं. लंदन से रवाना होने के पहले उन्होंने मीडिया से कहा, "मेरी पत्नी की कीमोथेरेपी होनी है लेकिन मैं एक फर्जी केस की सुनवाई के लिए पाकिस्तान जा रहा हूं. पाकिस्तान के तंत्र में बहुत अंतरर्विरोध हैं... ये सब बदलना चाहिए, अब वक्त आ गया है कि इसे बदला जाए."
इस्लामाबाद में कोर्ट के सामने मौजूद मीडिया से शरीफ ने कोई बात नहीं की लेकिन उनके दामाद मुहम्मद सफदर ने भी साजिश की तरफ इशारा किया. उन्होंने कहा, "जब तक अदालतें ...कुछ लोगों के डर से मुक्त नहीं हो जातीं... मैं इस अदालत से सही मुकदमे की उम्मीद नहीं कर सकता."
नवाज शरीफ ने सत्ता से हटने के कुछ दिन बाद अपने वफादार शाहिद खक्कन अब्बासी को प्रधानमंत्री बनवाया और साथ ही कहा कि उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ आगे चल कर उनकी विरासत संभालेंगे. पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह की खबरें हैं कि शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज अगले साल होने वाले चुनाव में उन्हें प्रचार के लिए मुख्य चेहरा बनाये रखना चाहती है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वह कोई पद नहीं ग्रहण कर सकते.
एनआर/एके (एएफपी)