पहले भी तीन हादसे हुए थे भोपाल के प्लांट में
१९ जून २०१०मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्षी पार्टी बीजेपी के विधायक गौरीशंकर शेजवार औऱ बाबूलाल गौड़ ने 1982 में यूनियन कार्बाइड के कर्मचारी मोहम्मद अशरफ की गैस रिसाव से हुई मौत पर सवाल पूछा. विधानसभा के रिकॉर्ड के मुताबिक तब के श्रममंत्री तारा सिंह नियोगी ने विधानसभा में दो मजदूरों के मौत की पुष्टि की थी.
28 अक्टूबर 1975 को एक मजदूर की मौत हुई और फिर 25 दिसंबर 1981 को एक और मजदूर अशरफ की मौत प्लांट में गैस के रिसाव से हुई. बीजेपी विधायकों ने जब प्लांट में सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठाया तो श्रममंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद फैक्टरी चेक किया है और वहां किसी भी परिस्थिति से निबटने के पक्के इंतजाम हैं.
भोपाल में काम करने वाली एक गैर सरकारी संगठन से जुड़ीं रचना ढींगरा बताती हैं कि मोहम्मद अशरफ की मौत फॉस्जीन गैस के रिसाव से हुई. 1982 में प्लांट की अल्फा नेप्थॉल यूनिट में एक बड़ी आग भी लगी थी जिसे फैक्टरी के अधिकारियों ने छुपाने की कोशिश की. हालांकि इस आग को लोगों ने बहुत दूर से देख लिया था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एन रंजन
संपादन: ओ सिंह