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पलक झपकने से खिंचेगी तस्वीर

१८ दिसम्बर २०१३

इस हाई टेक गैजेट के सुरक्षित होने को लेकर पहले कुछ आशंकाएं जताई गई थीं. इसके सॉफ्टवेयर में सुधार करते हुए गूगल ने इसमें ऐसे नए फीचर डाले हैं जिससे निजी जानकारियां और गोपनीयता बरकरार रहेगी.

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तस्वीर: AP

गूगल ने मंगलवार को अपने उस सॉफ्टवेयर में बदलाव किए जिससे पलकों के इशारे से तस्वीरें ली जा सकती हैं. ये चश्मे जैसा दिखने वाला ऐसा उपकरण है जो इंटरनेट से जुड़ा होता है. "हमने ऐसी सेटिंग तैयार की है जिससे आप सिर्फ पलक झपका कर अपने यादगार लम्हों को बहुत आसानी से फटाफट कैद कर पाएंगे," गूगल ग्लास ने कंपनी की सोशल नेटवर्क पेज पर लिखा. उन्होंने लिखा, "हम फोटो लेने से शुरुआत कर रहे हैं लेकिन जरा सोचिए कि हम इससे क्या कुछ कर सकते हैं."

गूगल उस जगह तक पहुंचना चाहता है, जहां चश्मे पहनने वाला सिर्फ टैक्सी के मीटर की रीडिंग को देखकर पलक झपका दे तो किराए का भुगतान हो जाए. अगर किसी दुकान में कोई चीज पसंद आ जाए तो केवल पलक झपका कर उसे खरीदा जा सके.

Google Glass Brille Internet
गूगल का हाई टेक चश्मा करेगा ढेरों कामतस्वीर: REUTERS/Google/Handout

निजता पर सवाल

ये टेक्नोलॉजी जितनी आसान लगती है, इस्तेमाल करने वाले की गोपनीयता के लिए उतने ही बड़े खतरे भी पेश करती है. इन खतरों को ध्यान में रखते हुए इसके सॉफ्टवेयर में जो सुधार किए गए हैं उससे चश्मे का मालिक उसे लॉक कर पाएगा. लॉक करने की सुविधा का फायदा ये होगा कि अगर किसी को सही कोड नहीं पता हो तो वह चश्मे का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.

गूगल सहित अमेरिका की आठ बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों ने एक हफ्ते पहले ही बराक ओबामा की सरकार और कांग्रेस को चिट्ठी लिख कर निगरानी के तरीकों में बदलाव की अपील की थी. उनका मानना है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के पूर्व कांट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन के खुलासों को ध्यान में रखते हुए सरकार को अपने निगरानी तंत्र में निजी गोपनीयता को बनाए रखने के बारे में भी सोचना चाहिए. आरोप है कि एनएसए इन कंपनियों के साथ मिल कर दुनिया भर के लोगों की निजी जानकारी इकट्ठा करता रहा है.

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एडवर्ड स्नोडेन ने किए हैं बहुत से खुलासेतस्वीर: picture-alliance/dpa

सारे काम इशारों में

नए सॉफ्टवेयर में ग्लासवेयर के कोड को भी इस तरह विकसित किया गया है कि चश्मे को पहनने वाला किसी भी वीडियो को सीधे यूट्यूब पर भेज पाएगा. फेसबुक और ट्विटर सहित कई कंपनियों ने अभी से गूगल ग्लास के लिए एप बना लिए हैं. लेकिन ये एप सिर्फ कुछ डेवलपर और चुनिंदा यूजर को ही मिल पाए हैं, जो गूगल ग्लास के लिए 1500 डॉलर (करीब 90,000 रुपये) देने को तैयार हैं.

इस पहने जाने वाले गैजेट से फोटो खींचना, वीडियो बनाना, संदेश भेजना, स्पर्श और बोल कर दिए गए निर्देश से बहुत सारे अन्य काम भी संभव होगा. ये उपकरण वाई फाई के जरिए इंटरनेट या मोबाइल के नेटवर्क से भी जोड़ा जा सकता है. इसके अलावा खरीदारी करने या किसी भी जगह के मौसम की ताजा जानकारी से लेकर ऑगमेंटेड रियालिटी वीडियो गेम खेलने में भी इस चश्मे का इस्तेमाल हो सकता है. ऑगमेंटेड रियालिटी में आप जहां भी हों, वहां आपके सामने चाहे जो भी दिख रहा हो उसे ही वीडियो गेम खेलने के लिए एक सतह के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा. कंपनी की ओर से गूगल ग्लास को बाजार में उतारने के लिए अभी कोई दिन नहीं तय किया है लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि 2014 की शुरुआत से ये हाई टेक चश्मा मिलने लगेगा.

आरआर/एजेए (एएफपी, रायटर्स)

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