गलत बायोडाटा बताने वाली सांसद का इस्तीफा
२० जुलाई २०१६जहां हर चीज रजिस्टर की जाती हो, जहां सूचना पाने का अधिकार हो, जर्मनी जैसे देश में भी एक सांसद की जीवनी अंधेरे के साए में रह जाती है. कोई पूछता नहीं कि जीवनी में कुछ गलत तो नहीं. एसपीडी सांसद पेट्रा हिंत्स ने अब इस्तीफा दे दिया है.
पेट्रा हिंत्स ने अपना बायो डाटा तराशा था. और इस बार की गर्मियों की छुट्टियां उन्हें आराम नहीं दे पाईं. कुछ दिनों से मीडिया में जिसकी चर्चा थी, हिंत्स के वकील ने आज उसकी पुष्टि कर दी. एसेन शहर की सांसद ने हाई स्कूल पास नहीं किया है और कानून की पढ़ाई तो कभी की ही नहीं. वकील ने अपने बयान में यह भी कहा है कि उन्होंने कभी भी किसी को कानूनी सलाह नहीं दी. पेट्रा हिंत्स ने अपना करियर झूठ के आधार पर बनाने का फैसला कब और क्यों लिया, यह बताने की हालत में वे नहीं हैं. 54 वर्षीया हिंत्स 10 साल से संसद की सदस्य थीं.
रोजगार विशेषज्ञ मनोविज्ञानी रुडिगर होसिप का कहना है कि नौकरी पाने के लिए धोखाधड़ी करना इन दिनों आम हो गया है. बायोडाटा को सुंदर बनाना साधारण बात हो गई है. डिटेक्टिव एजेंसियों के अनुसार नौकरी का हर तीसरा आवेदन गलत सूचनाएं लिए होता है. बोखुम के रुअर यूनिवर्सिटी के प्रोफसर तो आज के समाज को ब्लफ समाज कहने से भी नहीं हिचकते. उनका कहना है कि हर कोई छोटे झूठ से शुरू करता है, उसके बाद सीमाएं खत्म हो जाती हैं.
पढ़ाई के झूठ के सामने आने के बाद एसपीडी राजनीतिज्ञ पेट्रा हिंत्स का करियर भी खत्म हो गया है. इलाकाई पार्टी के प्रमुख थोमस कुचाटी ने कहा, "हम सदमे में हैं कि पेट्रा हिंत्स ने 30 साल तक हमें गलत बायोग्राफी बताई." पार्टी इकाई की मांग के बाद उन्होंने खुद 2017 के चुनावों में उम्मीदवार न बनने की घोषणा की और उसके कुछ समय बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. चांसलर अंगेला मैर्केल के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल एसपीडी की एसेन इकाई ने कहा है कि हिंत्स ने पार्टी सदस्यों का भरोसा खो दिया है. पार्टी अपने जनप्रतिनिधियों से विश्वसनीयता और ईमानदारी की उम्मीद करती है.
एमजे/आरपी (एएफपी)