1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नौकरी के लिए बेलने पड़ते हैं कैसे कैसे पापड़

२७ अप्रैल २०१६

मेडिकल की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर भी सोचते हैं कि अस्पताल उन्हें नौकरी देने से पहले चिकित्सा शास्त्र के बारे में उनका ज्ञान आंकेगा. लेकिन जापान का कुराशिकी केंद्रीय अस्पताल कुछ अलग है.

https://p.dw.com/p/1IdYR
Jordanien MSF Krankenhaus für rekonstruktive Chirurgie OP
तस्वीर: DW/T. Kraemer

मेडिकल की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर भी सोचते हैं कि अस्पताल उन्हें नौकरी देने से पहले चिकित्सा शास्त्र के बारे में उनका ज्ञान आंकेगा. एसेसमेंट सेंटर, इंटरव्यू और टेस्ट. नौकरी पाने के लिए उम्मीदवारों को दिखाना पडता है कि उन्हें क्या पता है. हर उम्मीदवार इंटरव्यू में अपनी ओर से अपना बेहतरीन पक्ष पेश करने की कोशिश करता है और उद्यम चाहता है कि उसे बेहतरीन और प्रेरित कर्मचारी मिले. उम्मीदवार ने क्या सीखा है इसका पता तो उसकी सीवी से चल जाता है लेकिन असल काम तो यह पता करना होता है कि वह क्या कर सकता है और नया सीखने की कितनी तैयारी और तत्परता है. इसलिए हाल के दिनों में चयन की प्रक्रिया के दौरान हल करने के लिए केस दिए जाते हैं. इसी को जापान के कुराशिकी केंद्रीय अस्पताल ने थोड़ा बदल दिया है.

मेडिकल ग्रेजुएट जब नौकरी के लिए इंटरव्यू देने पहुंचता है तो शायद ही सोचता है कि उससे मेडिकल के एकदम बाहर की समस्याओं को हल करने को कहा जाएगा. कुराशिकी अस्पताल कुछ ऐसा ही करता है और सर्जन की नौकरी चाहने वालों को अप्रत्याशित और मुश्किल टास्क देकर चौंका देता है. मसलन छोटा सा ओरिगमी बनाना या एक चावल से सूशी बनाना. लेकिन इस वीडियो को देखने के बाद आप समझ जाएंगे कि सर्जन सर्जरी करना तो जानेगा ही. उसकी असली परीक्षा तो यह है कि अप्रत्याशित मामलों में वह सही विकल्प चुन पाएगा क्या और मरीज की मदद कर पाएगा किया. ऑपरेशन के सारे मामले या यू कहें कि ज्यादातर मामले सीधे सादे न होकर मुश्किल प्रतीत के होते हैं और सर्जन के लिए धैर्यवान, चतुर और सटीक होना जरूरी है. चुनौती है कि ऐसे उम्मीदवार का जल्द से जल्द पता कैसे करें. एक तरीका कुराशिकी अस्पताल का है.

महेश झा