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नेताजी - एक गुमनाम दास्तान

९ जून २००८

बर्लिन में भारतीय दूतावास और बॉन्न में डॉएचे वेले भवन में श्याम बेनेगल की नेताजी पर बनी फ़िल्म दिखाई गई. इस अवसर पर फ़िल्म के पटकथा लेखक अतुल तिवारी भी उपस्थित थे.

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आज़ाद हिंद फ़ौज की वर्दी में नेताजीतस्वीर: K.L.Kamat

नेताजी सुभाष चंद्र बोस – आधिकारिक इतिहास में भले ही उन्हें महत्व न दिया जाता हो, आज भी वे करोड़ों भारतवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं. प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक श्याम बेनेगल ने उनके जीवन पर फ़िल्म बनाई है – नेताजी सुभाष चंद्र बोस – एक गुमनाम दास्तान.

फ़िल्म तीन हिस्सों में है, जिनके नाम हैं इत्तेफ़ाक़, इत्तेहाद और कुरबानी. नेताजी के जीवन और उससे जुड़ी हुई घटनाओं को सपाट ढंग से देखने के बजाय यहाँ उनमें छिपे द्वंद्वों और बारीकियों पर ध्यान दिया गया है. फ़िल्म की शुटिंग भारत के अलावा दक्षिण पूर्वी एशिया, उज़बेकिस्तान और जर्मनी में भी की गई है.

नेताजी के जर्मनी प्रवास के हिस्से में इतिहास के एक कम परिचित अध्याय पर प्रकाश डाला गया है. मिसाल के तौर पर, जैसा कि श्याम बेनेगल ने एक साक्षात्कार में कहा था, 27 मई, 1942 को नेताजी हिटलर से मिले थे, और उन्होंने हिटलर से कहा था कि वे अपनी आत्मकथा में एशिया के लोगों को नीचा दिखाने के लिए कही गई बातें निकाल दें. हिटलर का कहना था कि भारतवासियों के लिए अंग्रेज़ों के शासन में रहना बेहतर होगा. जर्मनी के हिस्से की शूटिंग पोट्सदाम के निकट छोटे से कस्बे मार्क्वार्ट में की गई. साथ ही कील नगर में पनडुब्बी के दृश्य फ़िल्माए गए.

जर्मनी में प्रवास के दौरान नेताजी ने अपनी सेक्रेटरी एमिली शेंक्ल से शादी की. उनकी एक बेटी है अनिटा पाफ़. जर्मनी में नाज़ी कानून के तहत विदेशियों से शादी करने पर नागरिकता छीन ली जाती थी, इसलिए इस शादी की रजिस्ट्री नहीं की गई थी. व्यापक शोध के आधार पर फ़िल्म में इन तथ्यों को प्रतिष्ठित किया गया है. श्याम बेनेगल को काफ़ी रुकावटों का सामना करना पडा. कोलकाता के प्रेसीडेंसी जेल में शूटिंग की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि जेल भवन पर युनियन जैक टांगने की ज़रूरत थी. ऐतिहासिक तथ्यों को काटने की मांग के साथ मुकदमे दायर किए गए, जिनमें बेनेगल की जीत हुई. फ़ारवर्ड ब्लॉक ने मांग की कि नेताजी की शादी के प्रसंग को हटाया जाए. वैसे, जनभावनाओं का ख़्याल रखते हुए इस फ़िल्म में नेताजी की मौत नहीं दिखाई गई है. विमान दुर्घटना के साथ ही फ़िल्म का अंत होता है.