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निर्देशन भी करना चाहते हैं रणवीर

५ मार्च २०१३

अपनी पहली फिल्म बैंड बाजा बारात में बिट्टू शर्मा के यथार्थवादी किरदार के लिए सराहना बटोरने वाले नवोदित अभिनेता रणवीर सिंह कहते हैं कि आगे चल कर निर्देशन में भी हाथ आजमाना चाहते हैं.

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तस्वीर: STRDEL/AFP/Getty Images

पहली फिल्म की सफलता के साथ हिंदी फिल्मों में अपनी जगह पक्की कर लेने वाले रणवीर सिंह का कहना है कि वह बचपन से ही अभिनेता बनना चाहते थे. अमेरिका में पढ़ाई के दौरान उन्होंने अभिनय भी सीखा. अपनी पहली फिल्म के कुछ ही दिनों बाद रणवीर को संजय लीला भंसाली की रामलीला में काम का प्रस्ताव मिला. फिलहाल वह कोलकाता में प्रियंका चोपड़ा के साथ गुंडे की शूटिंग कर रहे हैं. लेकिन वह आगे चल कर निर्देशन के क्षेत्र में भी हाथ आजमाना चाहते हैं. डायचे वेले से एक मुलाकात में उन्होंने अपने फिल्मी सफर और अपनी महात्वाकांक्षाओं का खुलासा किया.

आप अभिनेता कैसे बने?

मैं बचपन से ही अभिनेता बनना चाहता था. हालांकि पारिवारिक पृष्ठभूमि फिल्मी नहीं होने की वजह से मेरे जैसे किसी युवा का यह सपना पूरा होना तब मुश्किल लगता था. अमेरिका में पढ़ाई के बाद भारत लौटने पर मैं मुंबई में निर्माता-निर्देशकों से मिलता रहा. तीन-साढ़े तीन साल तक संघर्ष करने के बाद एक दिन मुझे बैंड बाजा बारात में काम करने का प्रस्ताव मिला.

पहली फिल्म और वह भी यशराज खेमे की. कैसा लगा?

आदित्य चोपड़ा ने जब मुझे लेने की हामी भरी तो मुझे पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ. अपने बचपन के सपने को सच होते देख कर मैं वहीं जमीन पर बैठ कर जोर-जोर से रोने लगा.

बैंड बाजा बारात का अनुभव कैसा रहा?

करियर में फिल्में तो आगे भी बहुत मिलेंगी. लेकिन सच कहूं तो इस फिल्म की मेरे जीवन में एक खास जगह रहेगी. पहली ही फिल्म में बिट्टू जैसा सशक्त किरदार निभाने के लिए मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं. उस किरदार ने मेरी एक पहचान तो बनाई ही, आत्मविश्वास भी काफी बढ़ा दिया.

क्या पहली फिल्म की कामयाबी ने आप पर कुछ दबाव बढ़ा दिया?

मुझे लोगों की उम्मीदों से ज्यादा दबाव नहीं महसूस होता. इसकी वजह यह है कि मैं महज खुद को निखारने के लिए कड़ी मेहनत ही कर सकता हूं. उम्मीदों के दबाव से हर फिल्म में बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलती है.

उसके बाद लेडीज वर्सेज रिकी बहल?

वह फिल्म भी यशराज खेमे की ही थी. उसका अनुभव भी शानदार रहा. उसमें मेरा अभिनय पहली फिल्म से अलग था. वह फिल्म बॉक्स आफिस पर भले ज्यादा कमाल नहीं दिखा सकी हो, उस किरदार को भी काफी सराहना मिली थी.

अपने करियर की शुरूआत में ही संजय लीला भंसाली के साथ काम करने का मौका मिला?

हां, यह मेरे लिए भाग्य की बात है. संजय जी किसी भी अभिनेता या अभिनेत्री से बेहतरीन अभिनय कराने में माहिर हैं. वह सेट पर हर दृश्य में एक जादू पैदा करना चाहते हैं. उनकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह फिल्म में काम करने वाले कलाकारों को भी फिल्म निर्माण का हिस्सा बना लेते हैं.

अब तक के सफर से संतुष्ट हैं?

मैं अलग-अलग किस्म की भूमिकाएं करना चाहता हूं. फिलहाल फिल्म उद्योग में कई नए अभिनेता अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन हमें एक दूसरे से प्रेरणा मिलती है.

आगे की योजना?

फिलहाल तो कई फिल्में हाथ में हैं. उनकी शूटिंग में काफी व्यस्त हूं. लेकिन आगे चल कर मेरी इच्छा निर्देशन के क्षेत्र में हाथ आजमाने की है. मैं कम से कम एक फिल्म का निर्देशन करना चाहता हूं.

इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता

संपादन: महेश झा

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