1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

निकारागुआ में संघर्ष विराम लेकिन हालात गंभीर

१९ जून २०१८

प्रशांत और कैरिबिक सागर के बीच बसे निकारागुआ में तनावपूर्ण शांति है. राष्ट्रपति डानिएल ऑर्तेगा के खिलाफ हाल में हिंसक प्रदर्शन हुए जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई. फिलहाल संघर्ष विराम है, लेकिन हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं.

https://p.dw.com/p/2zoqF
Nicaragua Protest gegen Präsident Ortega in Managua
तस्वीर: Reuters/J. Cabrera

तानाशाह अनस्तासियो सोमोसा को 1979 में सत्ता से उखाड़ने वाले वामपंथी नेता ऑर्तेगा ने जब गद्दी संभाली तो लगा कि वह देश की बड़ी उम्मीद बनकर उभरेंगे. लेकिन आलोचकों की मानें तो दशकों राज करने वाले राष्ट्रपति खुद एक तानाशाह के तौर पर सामने आए हैं और अपने आदर्शों को ताक पर रख दिया. उन्होंने अपने विरोधियों को खदेड़ना शुरू किया और सारा ध्यान अपने कारोबार को बढ़ाने व परिवार के लिए धन जुटाने में लगा दिया.

Nicaraguas Präsident Daniel Ortega
तस्वीर: AFP/Getty Images/I. Ocon

अब देश में सरकार का विरोध करने वालों में सिर्फ छिटपुट उपद्रवी नहीं हैं, बल्कि छात्र, कारोबारी व आम लोग उनकी सरकार का विरोध कर रहे हैं. सोमोसा के सत्ता से जाने के बाद ऐसा विरोध देश में पहली बार हो रहा है. पिछले हफ्ते सरकार और विरोधियों ने संघर्ष विराम की घोषणा की और तय किया कि पिछले दिनों हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच विदेशी जांच एजेंसी से कराई जाए. हालांकि इस घोषणा के कुछ घंटे बाद ही सरकार समर्थक एक गुट ने कथित तौर पर राजधानी मानागुआ के एक घर में आग लगा दी जिसमें 6 लोग जिंदा जलकर मर गए. सरकार ने घटना से पल्ला झाड़ा, लेकिन मानवाधिकार संगठन  ईएनआईडीएच ने आरोप लगाया कि यह सरकार का लोगों के खिलाफ आतंक है.

सरकार समर्थक गुटों का आम लोगों पर हमला

दो महीने से ज्यादा से चल रहे आंदोलन में  की सड़कों पर चारों ओर टूटे-फूटे बैरिकेड्स दिखाई पड़ रहे हैं. आरोप है कि सरकार समर्थक गुटों ने हर दिन विरोधियों को निशाना बनाकर हमला किया है. चश्मदीदों का कहना है कि नकाबपोश हमलावर पुलिस के साथ मिले है और एके-47 से फायरिंग कर रहे हैं.

एक मानवाधिकार संगठन का दावा है कि सरकार विरोधी लोगों पर जहरीले कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहे है. 18 अप्रैल से शुरू हुए प्रदर्शन में अब तक 215 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 1400 लोग घायल हैं. सरकारी आंकड़ों में सिर्फ 46 मौत की रिपोर्ट है और इन्हें सरकार ने अपराधी बताया है.

इस्तीफे से कम मंजूर नहीं

संघर्ष विराम समझौते के बाद सड़कों से बैरिकेड्स और बाधाओं को हटाने का काम शुरू हो गया है. कुछ सरकार विरोधी गुट अब भी बैरिकेड्स को नहीं हटाना चाह रहे हैं. मजदूरों के नेता फ्रांसिस्का रेमिरेस का कहना है कि वे तब तक सड़कों से नहीं हटेंगे जब तक राष्ट्रपति ऑर्तेगा इस्तीफा नहीं दे देते. 2 मीटर लंबा बैरिकेड लगाने वाली लुसिला का कहती है, "हम ऑर्तेगा और उनकी दमनकारी नीतियों से तंग आ चुके हैं. उपराष्ट्रपति और ऑर्तेगा की पत्नी रोसारियो मुरिलो ने भी जनता को ठेस पहुंचाई है."

Nicaragua Protest gegen Präsident Ortega
तस्वीर: Reuters/O. Rivas

हिंसक हालात में सेना ने निष्पक्ष होकर काम किया है. सेना के पूर्व मेजर रॉबेर्तो सैमकैम के मुताबिक, पेंशन सुधार न होने से एफएसएलएन में कई विरोधी पैदा हो गए और ऑर्तेगा के कारोबार को लेकर उनकी नाराजगी बढ़ती चली गई. देश के हालात को देखते हुए राष्ट्रपति पर अमेरिका का दबाव बढ़ गया है, लेकिन वह अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं.

विरोधियों के प्रवक्ता अजाहलिया सोलिस का मानना है कि हो सकता है कि ऑर्तेगा 2021 के चुनाव को आगे बढ़ा दे जिससे उन्हें हालात को संभालने का मौका मिले, लेकिन निकारागुआ की आम जनता ऐसा होने नहीं देगी और उसे राष्ट्रपति के इस्तीफे से कम कुछ मंजूर नहीं है. 

सुधारवादी दल बना भ्रष्ट

राष्टपति की सैंडिनिस्ता पार्टी एफएसएलएन ने देश के विकास के लिए कई काम किए हैं. सत्ता में आने के महज 5 महीने के अंदर ही देश में साक्षरता दर 50 फीसदी से 87 फीसदी हो गई. स्वास्थ्य सेवा के लिए कई योजनाएं शुरू की गई और भूमि अधिग्रहण की नई नीति बनाकर करीब 2 लाख परिवारों को जमीन दी गई. लेकिन वक्त के बीतने के साथ ही सैंडिनिस्ता संगठन के ऊपर भ्रष्टाचार और तानाशाही के आरोप लगने लगे. 2007 में ऑर्तेगा के दोबारा पद पर आने के बाद स्थिति बदतर हो गई.

2017 में 4.5 फीसदी आर्थिक विकास दर के बावजूद लैटिन अमेरिका का सबसे कम विकसित देश था. विश्व बैंक के आंकड़े बताते है कि 60 लाख की आबादी वाले इस देश में एक चौथाई लोग गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं. अर्थशास्त्री अडोल्फो एस्वेडो कहते हैं कि जिस तरह से आंदोलन चल रहा है, निकारागुआ को आर्थिक रूप से स्थिर होने में वक्त लगेगा.

वीसी/एमजे (डीपीए, मानागुआ)