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नासा पहुंचा भारत का अमिक

२२ मई २०१३

पश्चिम बंगाल की औद्योगिक नगरी दुर्गापुर का रहने वाला अमिक मंडल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए रवाना हो रहा है. अमिक ने नासा की प्रतियोगिता जीती है.

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तस्वीर: Prabhakar Mani Tewari

नासा ने अंतरिक्ष में मानव बस्ती बसाने के पर एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की थी. आठवीं में पढ़ने वाले अमिक ने उसमें तीसरा स्थान हासिल किया है. अब वह सैन डियागो में 23 से 27 मई तक होने वाले अंतरराष्ट्रीय नासा अंतरिक्ष विकास सम्मेलन में हिस्सा लेगा. राज्य सरकार ने इसके लिए उसे एक लाख रुपये की सहायता दी है.

अमित के पिता एक सरकारी कंपनी भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के दुर्गापुर स्टील प्लांट में काम करते हैं. पहले तो उनको बेटे की बात पर यकीन ही नहीं हुआ. लेकिन बाद में जब इंटरनेट पर खुद अपनी आंखों से देखा कि अमिक आठवीं कक्षा वर्ग में तीसरे स्थान पर रहा है और उसे नासा ने सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया है तो उनको भरोसा हुआ.

लेकिन उसके बाद उनके सामने सबसे बड़ी समस्या थी अमेरिका आने जाने के खर्च का जुगाड़ करना. तब तक अमिक अखबारों और टीवी चैनलों पर छा चुका था. दूसरी ओर, इस बात की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने युवा कल्याण मंत्रालय को अमिक की सहायता करने का निर्देश दिया ताकि उसकी नन्हीं आंखों से देखे गए सपने हकीकत में बदल सकें. ममता के निर्देश के बाद मंत्रालय ने अमिक को एक लाख रुपये की सहायता दी.

Wernher von Braun im Kontrollraum der NASA
कई अंतरिक्षयान प्रक्षेपित करने वाले नासा में आठवीं के अमिक पहुंचेतस्वीर: picture-alliance / dpa

अमेरिका जाने की बात से अमित काफी उत्साहित है. उसका कहना है, "मार्च के पहले सप्ताह में मुझे एक दिन अचानक इंटरनेट खंगालते समय इस निबंध प्रतियोगिता की जानकारी मिली. समय बहुत कम था. 15 मार्च के भीतर ही जवाब भेजना था. मैंने दिन रात मेहनत कर आखिरी मौके पर 16 पेज का एक लेख भेज दिया." यह लेख भेजने के बाद अमिक इसे भूल गया.'

लेकिन अचानक बालसुलभ कौतुहल के चलते उसने जब नासा की साइट खोली तो पता चला कि वह आठवीं कक्षा वर्ग में तीसरे स्थान पर रहा है. उसे भी पहले इस पर भरोसा नहीं हुआ. लेकिन उसके ईमेल में नासा की ओर से भेजा गया न्योता भी पड़ा था. तब जाकर उसे विश्वास हुआ कि वह सचमुच तीसरे नंबर पर रहा है और नासा के अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा ले सकता है. अमिक कहता है, "मैंने तो इसकी कल्पना तक नहीं की थी. महज उत्सुकतावश मैंने निबंध भेज दिया था और इस बात को भूल भी गया था."

इस प्रतियोगिता के तहत नासा को दुनिया भर से 592 लेख मिले. अमिक कहता है, "मैं 22 मई को यहां से रवाना होकर 23 को अमेरिका पहुंच जाऊंगा. मुझे इस सम्मेलन से काफी कुछ सीखने की उम्मीद है." उसने राज्य सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वह भविष्य में वैज्ञानिक बनना चाहता है.

अमिक के हेमशीला मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल सोमेन चक्रवर्ती कहते हैं, "अमिक हमेशा नई नई चीजों और आविष्करों में दिलचस्पी लेता था. इस कामयाबी का श्रेय अकेले उसी को है." दुर्गापुर नगर निगम के मेयर और तृणमूल कांग्रेस विधायक अपूर्व मुखर्जी कहते हैं, "अमिक ने दुर्गापुर ही नहीं, पूरे राज्य का नाम रोशन किया है. हम उसकी हर संभव सहायता करेंगे." राज्य के युवा कल्याण मंत्री अरूप विश्वास ने कहा, "इस साल भारत से दस स्कूली टीमों और छह छात्रों ने अलग अलग वर्गों में नासा का यह पुरस्कार जीता है. अमिक हमारे राज्य का पहला ऐसा छात्र है. उम्मीद है वह आगे चल कर बंगाल का नाम रोशन करेगा."

रिपोर्टः प्रभाकर, कोलकाता

संपादनः ए जमाल

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