नाईजीरियाई युवक पर मुक़दमा, सुरक्षा कड़ी
२७ दिसम्बर २००९क्रिसमस के मौके पर घर जा रहे और अपने संबंधियों से मिलने जा रहे यात्री ख़ुद को ख़ुशकिस्मत मान रहे हैं कि नॉर्थ वेस्ट एयरलाइंस की उस फ़्लाइट से सुरक्षित निकल आए जिस पर उमर फारुक़ अब्दुल मुतालब नाम का शख़्स ख़ौफ़नाक इरादे के साथ सवार हुआ था. उसने अपने पैर पर विस्फोटक मलहम लगाया हुआ था. और उसे वो आग के हवाले करने ही वाला था कि साथ बैठे यात्रियों ने उसे दबोच लिया. विमान में 279 यात्री और चालक दल के 22 सदस्य थे.
अधिकारियों ने यात्रियों से पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर बताया कि पकड़े जाने से पहले उमर टॉयलेट गया जहां वो क़रीब 20 मिनट रहा. लौट कर उसने पेट में दर्द की शिकायत की और अपनी गोद में कंबल डाल दिया. तभी आसपास के यात्रियों को बारूद की गंध आई. उसकी टांग का निचला हिस्सा जल रहा था और यात्रियों के मुताबिक उमर बेख़ौफ़ और निर्विकार ढंग से बैठा रहा.
जांच टीम के सूत्रों के मुताबिक उमर ने कबूल कर लिया कि यमन में अल क़ायदा के लोगों से उसकी साठगांठ थीं और उसे इस मिशन के लिए ट्रेनिंग भी मिली. लेकिन कुछ टीवी चैनलों का कहना है कि उसने अधिकारियों से यही कहा कि वो अपने स्तर पर काम कर रहा था. बहरहाल दुनिया भर में इस वारदात के बाद सुरक्षा इंतज़ाम बेहद कड़े कर दिए गए हैं. 23 साल का ये शख़्स मैकेनिकल इंजीनियर है और लंदन की एक यूनिवर्सिटी में 2005 से 2008 तक उसने पढ़ाई की थी. उसके पिता नाइजीरिया के एक बड़े कारोबारी हैं. ब्रिटिश पुलिस ने उस इलाके की सघन तलाशी ली है जहां उमर रहता था.
फ़िलहाल वो अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के मेडिकल सेंटर में भर्ती है जहां उसका इलाज चल रहा है. संघीय जांच ब्यूरो यानी एफ़बीआई ने शुरुआती जांच में बताया कि विस्फोट के लिए जो सामग्री उसके पास थी उसमें पीईटीएन यानी पेंटाएरथ्राइटोल नाम का रसायन भी था जो बहुत ख़तरनाक विस्फोटक समझा जाता है. रसायनों से भरी सीरिंज उसने अपनी टांगों में लगाए लेप में डाल दी थी. और उसी से आग सुलगी थी. बड़ा हादसा हो जाता इससे पहले ही उसे दबोच लिया गया और आग फ़ौरन बुझा दी गई.
अब सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर ये लड़का अपने साथ इतना विस्फोटक तामझाम लेकर विमान में सवार कैसे हो पाया. लागोस से वो एम्सटर्डम की फ़्लाइट में चढ़ा फिर वहां से डेट्रायट जाने वाली कनेक्टिंग फ़्लाइट में सवार हुआ. नीदरलैंड्स के अधिकारियों का कहना है कि उसके पास अमेरिका जाने के पुख़्ता कागज़ात थे.
इस घटना ने आठ साल पहले उस मामले की याद दिला दी जब ब्रिटेन का रिचर्ड राइड शू बम यानी जूता बम के ज़रिए पेरिस से मियामी जाने वाले विमान को हवा में उड़ाना चाहता था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस जोशी
संपादन: ए जमाल