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नाइजीरिया में बोको हराम की दहशत

२७ दिसम्बर २०१४

नाइजीरिया की पुलिस ने पिछले दिनों 13 साल की एक लड़की को पकड़ा है जिसे उसके पिता ने आत्मघाती हमलावर बनने के लिए बोको हराम संगठन को सौंप दिया था. बोको हराम के डर से 15 लाख लोग घर बार छोड़कर भाग गए हैं.

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Nigeria - Jäger im Kampf gegen Boko Haram
तस्वीर: DW/Hassan

यह लड़की पिछले दिनों बाजार में दो लड़कियों के आत्मघाती हमले में घायल हो गई. उसने अपना बम नहीं उड़ाया क्योंकि वह मरना नहीं चाहती थी. उसने बताया कि कट्टरपंथी संगठन बोको हराम के सदस्यों ने उससे कहा कि यदि उसने आत्मघाती मिशन पूरा किया तो वह स्वर्ग जाएगी. मना करने पर उसे मार डालने की धमकी दी गई. बोको हराम नाइजीरिया में शरीया लागू करना चाहता है और अब तक 4,000 लोगों की हत्या कर चुका है. देश में दसियों हजार लोग उसके दहशत से भाग रहे हैं.

शाबू के रिफ्यूजी कैंप में खुशी का एक क्षण. वहां लोगों को चावल, तेल, साबुन और कंबल बांटा जा रहा है. लोग गा रहे हैं, तालियां बजा रहे हैं. यह पहला मौका है जब कैंप में सरकारी मदद पहुंची है. राजधानी अबुजा के दक्षिण में जुलाई 2014 में खुले कैंप में 2000 लोग रहते हैं. वे बोको हराम के डर से भाग रहे हैं और उनकी तादाद लगातार बढ़ रही है.

आमोस टांको देश के पूर्वोत्तर में स्थित ग्वोजा इलाके के हैं जो बोको हराम का गढ़ है. वे 1000 किलोमीटर की दूरी तय कर शाबू पहुंचे हैं, "उन्होंने हमारे घर जला दिए, हमारे भाई बहनों और माता पिता को मार डाला. हमारे गांवों में कोई नहीं बचा." अब वह दूसरों की तरह पेड़ के नीचे रात गुजार रहे हैं.

शरणार्थियों समस्या

नाइजीरिया में कितने लोग बोको हराम के आतंक के कारण भाग रहे हैं, इसके बारे किसी को पक्का प्ता नहीं. राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने पिछले दिनों सात लाख शरणार्थियों की बात की जबकि राहत संगठनों की सूचनाओं के आधार पर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था 15 लाख शरणार्थियों की बात करती है. करीब 14 लाख लोग भाग कर कैमरून और नाइजर जैसे दूसरे देशों में चले गए हैं.

नाइजीरिया में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था की प्रतिनिधि एंजेल डिकोंगू अटंगाना कहती हैं, "यदि हम फौरन कुछ नहीं करते हैं तो हम यहां तबाही देखेंगे." उनका कहना है कि बीमारियां फैलने लगेंगी और खास कर महिलाएं और बच्चे उससे प्रभावित होंगे. उन्हें आशंका है कि बच्चों की जबरन भर्ती भी हो सकती है, "इसलिए हमें सिर्फ जरूरतों पर ही ध्यान नहीं देना होगा बल्कि पूरे विकास के खिलाफ कुछ करना होगा."

बंटे हैं परिवार

देश के दूसरे हिस्सों में भी लोग आशियाने की तलाश में हैं. कारोबारी नगर कानो में बहुत से लोगों ने दोस्तों और रिश्तेदारों के यहां पनाह ली है. कुछ महिलाएं इस्लामी राहत संस्था हिस्बाह के दफ्तर के बाहर इंतजार कर रही हैं. वे पूर्वोत्तर शहर मूबी से भागी हैं. उनमें से एक बताती है, "मुझे मालूम नहीं कि मेरा परिवार कहां है, सभी भाग गए हैं." कुछ दिनों से बोको हराम उस इलाके में बमबारी कर रहा है. दूसरी राहत संस्थाओं की तरह हिस्बाह भी दबाव में है. संगठन की जहाराऊ उमर कहती हैं, "हमारे यहां 3000 शरणार्थी रजिस्टर्ड हैं, लेकिन अब हमें 4,000 के लिए खाने की जरूरत है."

नाइजीरिया सरकार के शरणार्थी आयोग को उम्मीद है कि वह जल्द ही लोगों को घर के साथ मदद मुहैया करा पाएगा ताकि वे खुद कमा सकें. आयोग की हदीजा सानी कांगीवा का लक्ष्य है, "लोग फिर से आत्मनिर्भर हो सकें और उन्हें कैंप में न रहना पड़े." फिर भी सरकार शरणार्थियों की असली इच्छा पूरा नहीं कर पा रही, "हम मदद के लिए शुक्रगुजार हैं लेकिन असल में हम शांति चाहते हैं." एशेगे डानिएल कहते हैं, "मैं अपने घर में रहना चाहता हूं, बिना किसी दूसरे की मदद पर निर्भर हुए बिना."

इदरीस उवैशू/एमजे