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नस्लीय टिप्पणी करने वाले सांसद पर जुर्माना

२२ दिसम्बर २०१७

करीब 1,000 साल पहले भारत से यूरोप पहुंचे रोमा समुदाय पर नस्लीय टिप्पणी करना स्लोवाकिया के सांसद को भारी पड़ा. अदालत ने सांसद पर 5,000 यूरो का जुर्माना लगाया.

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Ungarn Sinti und Roma Mann in Budapest
रोमा भारत से यूरोप पहुंचे हुए खानाबदोश समुदाय के लोग हैंतस्वीर: AP

स्लोवाकिया की अदालत ने दक्षिणपंथी पार्टी के सांसद मिलान माजुरेक को रोमा समुदाय के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने का दोषी करार दिया. माजुरेक ने रोमा समुदाय को "असामाजिक" और "परजीवी" कहा था. सांसद ने अल्पसंख्यक रोमा समुदाय पर स्लोवाकिया के समाज कल्याण तंत्र को चूसने का आरोप भी लगाया था.

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स्लोवाकिया में किसी समुदाय के खिलाफ घृणा भरी नस्लीय टिप्पणी करने पर छह साल की सजा और संसद की सदस्यता से बर्खास्तगी तक हो सकती है. अदालत ने माजुरेक को नस्लीय टिप्पणी का दोषी करार देते हुए 5,000 यूरो का जुर्माना ठोका.

कोर्ट के फैसले को सांसद ने "बेतुका" कहा है. माजुरेक ने आरोप लगाते हुए कहा कि फैसला, "राजनीति से प्रेरित है, जिसका एक ही लक्ष्य है कि सभ्य लोगों के लिए जारी हमारी लड़ाई को हताश करना."

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अभियोजन पक्ष ने भी अदालत के फैसले पर निराशा जताई है. अभियोजन पक्ष का कहना है कि माजुरेक को बहुत ही हल्का दंड दिया गया है. दोनों पक्षों के पास फैसले के खिलाफ अपील करने अधिकार है.

रोमा जिप्सी यूरोप का खानाबदोश समुदाय है. इस समुदाय के लोग देखने में भारतीय मूल के लगते हैं. कई शोधकर्ताओं के मुताबिक करीब 1,000 साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप से बड़ी संख्या रोमा जिप्सी यूरोप पहुंचे. आज रोमा जिप्सी यूरोप के कई देशों में रहते हैं लेकिन ज्यादातर देशों में वे मौलिक अधिकारों से दूर हैं. ज्यादातर जगहों पर उन्हें हिकारत भरी नजरों से देखा जाता है. स्लोवाकिया में ही करीब 4,00,000 रोमा जिप्सी रहते हैं. हंगरी के बाद यूरोप में सबसे ज्यादा रोमा स्लोवाकिया में ही रहते हैं. एमनेस्टी इंटरनेटशनल और यूरोपियन रोमा राइट्स सेंटर के मुताबिक यूरोप के ज्यादातर रोमा जिप्सी अब भी बेहद गरीबी में रहते हैं.

ओएसजे/एनआर (डीपीए)