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नशे में डूबती म्यांमार की अर्थव्यवस्था

१९ अगस्त २०१४

अफगानिस्तान के बाद म्यांमार दुनिया का सबसे बड़ा अफीम उत्पादक देश है. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि म्यांमार में बढ़ रहे अपराध का देश के विकास पर खराब असर पड़ रहा है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

नशे और नकली दवाओं की तस्करी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र ने सरकार के साथ नया समझौता किया है. म्यांमार दक्षिण पूर्वी एशिया में नकली दवाओं का सबसे बड़ा उत्पादक है. देश में नशे की समस्या और बढ़ रहे अपराध से निपटने के लिए सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स एवं अपराध कार्यालय यूएनओडीसी के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है. यूएओडीसी के स्थानीय प्रतिनिधि जेरेमी डगलस ने बताया कि विभाग के बयान के मुताबिक, "म्यांमार में बढ़ रहा अपराध यहां के विकास को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है, इससे मानव सुरक्षा और शांति प्रक्रिया को खतरा है."

यूएनओडीसी के साथ म्यांमार सरकार का नया कार्यक्रम देश में 2017 तक काम करेगा. इसके तहत अंतरदेशीय संगठित अपराध की रोकथाम, भ्रष्टाचार विरोधी कार्यक्रम, आपराधिक मामलों में न्याय और अफीम के किसानों के लिए अन्य विकल्पों जैसी अहम बातों पर ध्यान दिया जाएगा.

म्यांमार दसियों सालों तक सैन्य अधिकार में था. सत्ता बदल जाने के बाद देश में व्यापक परिवर्तन आए. कई प्रतिबंधों के समाप्त हो जाने पर बाजार में विदेशी निवेश की बाढ़ सी आ गई. लेकिन युद्ध से प्रभावित म्यांमार की थाइलैंड, भारत और चीन से लगी सीमाओं पर आज भी बड़े स्तर पर तस्करी होती है.

यूएनओडीसी के बयान में कहा गया है कि म्यांमार की सरहदों पर कई तरह की तस्करी से जमा किया गया गैर कानूनी धन अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है, सरकारी अधिकारियों को भ्रष्ट बनाता है और देश में अस्थिरता पैदा करता है.

2013 में म्यांमार में अफीम की करीब 870 टन पैदावार हुई जो पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा थी. अफीम के खेतों का विस्तार कई इलाकों में विद्रोहियों ने सरकार के खिलाफ जा कर किया है. म्यांमार से मेथाम्पटामीन्स दवाओं की पड़ोसी देशों में तस्करी भी जोर शोर पर होती रही है. इस साल जून में पकड़ी गई करीब 13 करोड़ डॉलर की कीमत की दवाओं को वर्ल्ड ड्रग्स डे पर आग लगा दी गई. इनमें 1.3 टन अफीम, 225 किलो हेरोइन और 1.2 टन मेथाम्प्टामीन्स थीं. अधिकारियों के मुताबिक हाल में उन्होंने गोल्डेन ट्राएंगल इलाके के जंगल में दबाई गई 73 लाख डॉलर की दवाएं पकड़ीं.

एसएफ/एएम (एएफपी)