नए जीव तो मिले पर खतरे की जद में
१८ दिसम्बर २०१२वन्य जीवों के लिए काम करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी संस्था डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के मुताबिक पिछले साल वियतनाम में 36 नए जीवों की खोज हुई. इसी तरह ग्रेटर मेकोंग में 126 नए जीवों का पता चला है. इन जीवों फू क्वॉक द्वीप पर मिली में कैट मछली क्लारियास ग्रैसिलेंटर भी है. पर्यावरणवादियों के मुताबिक यह मछली अपने सीने के पास मौजूद खास पंखों की मदद से जमीन पर चल भी सकती हैं.
गहरी काली सफेद काली धारियों से सजे आंख वाला मेंढक चीनी दर्शन के 'यिंग और यैंग' के प्रतीक चिन्ह की याद दिलाया है. दक्षिणी वियतनाम में यह जीव भी मिला है. रिपोर्ट के मुताबिक लेप्टोब्राशियम ल्यूकॉप्स नाम का यह मेंढक गीले और हमेशा हरे भरे रहने वाले जंगलों में रहता है.
अब तक अज्ञात रहे इन जीवों के मिलने से हासिल हुई खुशी इस बात से काफूर हो जाती है कि इनका आवास छिन रहा है और शातिर शिकारियों की इन पर गिद्ध नजर है. जंगलों की कटाई जैसे मसले इन जीवों के मिलने के साथ ही लुप्त होने के खतरे का भी अहसास दिला रहे हैं. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के ग्रेटर मेकोंग जीव कार्यक्रम के मैनेजर निक कॉक्स बताते हैं, "2011 में हुई जीवों की खोज ने मेकोंग को जैव विविधता के एक बड़े समृद्ध इलाके के रूप में पेश किया है लेकिन नए जीव पहले से ही सीमित होते जा रहे आवासों में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं."
निक कॉक्स ने जंगली बाघों की घटती संख्या की ओर भी ध्यान दिलाया. केवल एक दशक में ही बाघों की संख्या करीब 70 फीसदी घट गई है. इसी तरह वियतनाम से 2010 में लुप्त हो गए जावा गैंडों ने भी यह अहसास दिलाया कि अनोखे गुणों वाले दुर्लभ जीव कितने कम समय में हमेशा के लिए खत्म हो रहे हैं. यह तो बात दुर्लभ जीवों की हुई लेकन आमतौर पर दुनिया के सारे जीव हर दिन नए नए संकटों से दो चार हो रहे हैं. सिर्फ मानव ही ऐसा जीव है जो बहुत तेजी से और लगातार बढ़ रहा है. मुश्किल यह है कि उसके जीने के तौर तरीके बाकी जीवों से उनके जीने का हक छीन रहे हैं.
एनआर/ओएसजे (डीपीए)