धूमधाम से की 969 बेटियों की शादी..
गुजरात के महेश सिवानी की कोई सगी बेटी नहीं थी, लिहाजा उन्होंने बाकी युवतियों को अपनी बेटी के तौर पर स्वीकार कर लिया. पिता का फर्ज निभाया और धूमधाम से उनका कन्यादान किया.
बेटियों के बीच महेश
रियल स्टेट और हीरा व्यापारी महेश सवानी ने सूरत में इस बार 251 युवतियों की शादी करवाई. शादी का पूरा खर्च महेश ने ही उठाया.
सारी जिम्मेदारी
महेश 2012 से ऐसी युवतियों की शादी करते हैं, जिनके पिता नहीं हैं और परिवार की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं.
कहीं कोई कमी नहीं
शादी के दौरान दुल्हन के श्रृंगार से लेकर हर तरह की रस्म हुई. कहीं कोई कमी नजर नहीं आई.
सर्वधर्म सम्भाव
महेश ने पिता बनकर जिन बेटियों की शादी की, उनमें दूसरे धर्मों की युवतियां भी थी. क्रिसमस की पूर्वसंध्या पर कई मुस्लिम और ईसाई युवतियों को भी जीवनसाथी मिला.
शादी अब भी बड़ी चिंता
भारत में बेटी की शादी अब भी मां बाप के लिए बड़ी चिंता होती है. अथाह खर्च, दहेज और मेहनमानवाजी के चक्कर में ज्यादातर लोग कर्ज के नीचे दब जाते हैं.
मेरी बेटियां हैं
सवानी अब तक 969 युवतियों की शादी में मदद कर चुके हैं. वह कहते हैं कि "ये सारी मेरी बेटियां है. इन्हें खुश देखकर मुझे बहुत खुशी होती है."
पवित्र पहल
महेश कहते हैं, "कन्यादान से ज्यादा पवित्र कोई चीज नहीं. इस साल मेरे एक कारोबारी दोस्त बटुकभाई मोवालिया ने भी मेरी मदद की."
सुखी रहे घरबार
महेश सिर्फ शादी का ही खर्च नहीं उठाते, बल्कि वह बेटियों को सोने चांदी के गहने और घर का सामान और फर्नीचर भी देते हैं. शादी के बाद भी वह बेटियों का खर्च उठाते हैं. बेटियों के मां बनने का खर्च महेश उठाते हैं. बाद में बच्चों के पढ़ाई लिखाई में भी महेश मदद करते हैं.
दिखावे से दूर
भारत में सामूहिक विवाह कोई नई बात नहीं है, लेकिन आम तौर पर ऐसे सामूहिक विवाह बेहद सादे होते हैं. दूल्हे और दुल्हन के मन में भी एक मलाल सा रह जाता है. लेकिन महेश ऐसा बिल्कुल नहीं होने देते.