1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

द्रविड़ की सेंचुरी के बाद टेस्ट रोमांचक

२३ जून २०११

वेस्ट इंडीज को पहले टेस्ट मैच में जीत के लिए 326 रन बनाने होंगे. सबीना पार्क टेस्ट की अपनी दूसरी पारी में भारत ने 252 बनाए. इसमें द्रविड़ की लगभग साढ़े छह घंटे लंबी पारी में बने 112 रन का ही सबसे बड़ा सहारा है.

https://p.dw.com/p/11hxn
तस्वीर: ap

राहुल द्रविड़ का यह शतक इतना धीमा था कि लोगों को तकलीफ होने लगी थी. लेकिन रफ्तार से इसकी अहमियत कम नहीं होती क्योंकि इस शतक की बदौलत भारत ने वेस्ट इंडीज के सामने सम्मानजनक लक्ष्य रखा है.

लेकिन वेस्ट इंडीज ने भी जाहिर कर दिया है कि वह मैच जीतना चाहता है. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक उसने दूसरी पारी में तीन विकेट खोकर 131 रन बना लिए हैं. अब उसे जीत के लिए 195 रन और बनाने हैं जबकि उसके सात खिलाड़ी आउट होने बाकी हैं और दो दिन का वक्त भी.

वेस्ट इंडीज में जीत का जोश

वेस्ट इंडीज की दूसरी पारी में मजबूत शुरुआत हुई थी. 62 रन से पहले तक उसके दोनों ओपनर बढ़िया खेल रहे थे. लेकिन प्रवीण कुमार ने 38 के निजी स्कोर पर एबी बारथ को आउट करके भारत को राहत दिलाई. कुल स्कोर में एक ही रन जुड़ा था कि ईशांत शर्मा ने सरवन को कैच करा दिया. स्कोर 80 तक पहुंचा तो शर्मा ने एल सिमंस को भी बोल्ड करके भारत को मैच में वापस ला दिया.

खेल खत्म होने के वक्त ब्रावो और चंद्रपॉल क्रीज पर थे. ब्रावो ने 30 रन बना लिए हैं जबकि चंद्रपॉल 24 रन पर उनका साथ दे रहे हैं.

द्रविड़ ने बचाया

इससे पहले तीसरे दिन सुबह भारत ने तीन विकेट पर 91 रन के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया. सुबह के सत्र में ही विराट कोहली (15), सुरेश रैना (27) और महेंद्र सिंह धोनी (16) आउट हो गए. एक द्रविड़ ही थे जो दूसरे दिन के अपने स्कोर को 45 से आगे बढ़ाने में कामयाब रहे. बल्कि, वह अकेले ऐसे बल्लेबाज रहे जो 30 के पार जा सके.

आखिर में अमित मिश्रा ने 28 रन का अहम योगदान दिया. साथ ही द्रविड़ ने अपनी 32वीं टेस्ट सेंचुरी पूरी की.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी