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दोषी हरभजन पर पांच मैचों की पाबंदी

अनवर जमाल १४ मई २००८

श्रीसंत को थप्पड़ मारने के मामले में बीसीसीआई ने हरभजन सिंह पर पांच वनडे मैचों की पाबंदी लगा दी है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगली बार ख़राब व्यवहार करने पर उनके लिए क्रिकेट का दरवाज़ा हमेशा के लिए बंद हो सकता है।

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गौरतलब है कि आईपीएल में नहीं खेलने पर हरभजन को तीन करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुक़सान हो चुका है और यहां वह ग्यारह 20-20 मैच नहीं खेल पाए हैं।

सस्ते छूटे

हरभजन को लेवल 3 के आरोप का दोषी पाया गया है। लेकिन आईसीसी के नियमों से देखें तो ये लेवल फ़ोर का जुर्म है। physical assault यानी किसी खिलाड़ी पर हाथ उठाने की बात है। इसमें कम से कम ग्यारह मैचों की पाबंदी बनती है। बीसीसीआई भले ही कह रहा है कि उसने इस जुर्म की सबसे बड़ी सज़ा दी है लेकिन इस मामले में भी कहा गया है कि पांच वनडे और तीन टेस्ट तक की सज़ा मिल सकती है। यानी सस्ते में छूट गए भज्जी।

सीनियरों का साथ

दरअसल बीसीसीआई पर हरभजन मामले में नरमी बरतने आरोप लगते रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हरभजन सिंह एक मैच विनर हैं। कई बार उन्होंने भारतीय टीम को जीत दिलाई है। जब पाकिस्तान और एशिया कप से मुक़ाबलों की बात आ रही है तो टीम मैनेजमेंट उन्हें बाहर नहीं बिठा कर रख सकता। इसके अलावा सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले जैसे कई सीनियर खिलाड़ी इस मामले में हरभजन का साथ दे रहे हैं। ऐसे में, शायद बीसीसीआई ने भी कड़ी देने सजा से बचना ही बेहतर समझा।

नए नहीं विवाद

श्रीसंत तप्पड़ विवाद ही नहीं, बल्कि हरभजन का नाम हाल के दिनों में कई बार विवादों में आया है। भारतीय टीम के हालिया ऑस्ट्रेलिया दौरे में साइमंड्स से उनकी खूब तनातनी हुई। उन्होंने साइमंड्स पर भले ही नसली टिप्पणी नहीं की थी लेकिन उन्हें मां की गाली दी थी। उनका बचाव किया गया क्योंकि मामला दो देशों और नसली टिप्पणी का था। कई जानकार मानते हैं कि उन्हें सजा उसी वक्त होनी चाहिए थी। इसके अलावा मैदान पर भी हरभजन के खिलाफ हाल के दिनों में शिकायतें बढ़ी हैं। उन्होंने इंग्लैंड के एक खिलाड़ी को भी गाली दी थी।