दूध पाउडर की आंधी
चार देशों के सैकड़ों किसान यूरोपीय काउंसिल के दफ्तर पहुंचे. इसके बाद तो किसानों ने दूध पाउडर की बरसात कर दी. क्यों, जानिए.
यूरोपीय आयोग से परेशान
बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड्स और लिथुआनिया के डेयरी किसान अपने ट्रैक्टरों और टैंकरों के साथ यूरोपीय काउंसिल के दफ्तर के सामने पहुंचे. वहां पहुंचते ही किसानों ने सैकड़ों टन दूध पाउडर उड़ाना शुरू कर दिया.
किसके लिये संदेश
ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के कृषि मंत्रियों की बैठक के दौरान किसानों ने यह प्रदर्शन किया. वे चाहते थे कि कृषि मंत्री जब बाहर देखें तो उन्हें पता चले कि किसान किस हद तक मजबूर हो चुके हैं.
बर्फ जैसा नजारा
ब्रसेल्स की सड़कों पर जब सैकड़ों दूध पाउडर उड़ेला गया तो पूरा इलाका सफेद पाउडर से ढक गया. इस दौरान वहां से गुजर रहे लोगों को नाक और आंख बचाते हुए चलना पड़ा.
किसानों की शिकायत
यूरोपीय आयोग ने स्टॉक में मौजूद दूध पाउडर में से सिर्फ 6 फीसदी को ही बाजार में उतारने का फैसला किया. इस फैसले के बाद करीब तीन लाख 23 हजार टन दूध पाउडर वापस लेना पड़ा. किसान इसी फैसले का विरोध कर रहे हैं.
निराश किसान
विरोध प्रदर्शन का आयोजना करने वाले संगठन यूरोपियन मिल्क बोर्ड के मुताबिक, "यह दिखाता है कि हमारी समस्याएं हल नहीं की गई हैं. कई दुग्ध उत्पादकों के लिए यह करो या मरो का सवाल बन चुका है."
दूध गिरा दिया
यह पहला मामला नहीं है जब ब्रसेल्स में किसानों ने अपनी मेहनत उड़ेलकर गुस्सा जाहिर किया है. 2012 में भी कई देशों के किसानों ने हजारों लीटर दूध उड़ेलकर यूरोपीय आयोग के प्रति नाराजगी जताई.
बहुत मुश्किल है हल
औद्योगिकीकरण के चलते यूरोपीय संघ के देशों में बहुत ज्यादा दूध पैदा होता है. मांग से ज्यादा सप्लाई होने के चलते दूध की कीमतें बहुत ही कम हैं. किसानों का कहना है कि खर्चा न निकाल पाने की वजह से उन्हें अपने जानवरों को मारना पड़ रहा है.