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दीप जोशी को मैगसैसे

४ अगस्त २००९

सामाजिक कार्यकर्ता दीप जोशी को ग्रामीण समुदायों के विकास में अहम योगदान के लिए मैगसैसे अवार्ड देने की घोषणा की गई है. उनके अलावा पांच और शख़्सियतों को इस पुरस्कार से नवाज़ा गया. इसे एशिया का नोबेल कहा जाता है.

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एशिया के छह मैगसैसे अवार्ड विजेता 2009.

फिलीपींस की राजधानी मनीला में सोमवार को घोषित रैमन मैगसैसे पुरस्कार में कहा गया है कि जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता दीप जोशी भारत में स्वयंसेवी आंदोलन को नई दिशा और पेशेवर नज़रिया देने वाले अग्रणी कार्यकर्ताओं में रहे हैं. उन्होंने ग्रामीण समुदायों के समूल विकास के लिए एक सूक्ष्म नज़रिए से काम किया.

62 साल के दीप जोशी के मुताबिक वो इस सम्मान को पाकर ख़ुश हैं. उनका कहना है कि ये अवार्ड किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि विचार का है और ये गांवों की जनता के विकास की ख़ातिर है.

मैसाच्युट्स इन्स्टीट्यूट ऑफ टेकनोलजी से इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री ले चुके जोशी के पास गांवों में काम करने का 30 साल का अनुभव है. गांवों में जीवनयापन के हालात में सुधार से लेकर पशुधन के महत्व को जोशी ने बारीकी से अपने काम में रेखांकित किया है. ग़रीबी हटाने की योजनाओं पर भी उनका काम है.

18.07.2006 projekt zukunft fragezeichen
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मैगसैसे पाने वालों में म्यामांर के 39 साल के मानवाधिकार कार्यकर्ता का साउ वा भी हैं. अहिंसक आंदोलन के ज़रिए वा म्यांमार में मानवाधिकार, लोकतंत्र और पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं.

फिलीपींस के 54 वर्षीय वकील और पर्यावरणवादी अंतोनियो ओपोसा को नागरिक कानूनों के अधिकारों के प्रति जनता को जगारूक करने के काम के लिए मैगसैसे मिला है.

इस साल का मैगसैसे पाने वालों में चीन के मा जुन भी शामिल हैं. 41 साल के जुन, चीन में जल समस्या से निपटने और बुनियादी विकास के फ़ायदों को आम जन तक बेहतर तरीके से पहुंचाने की रणनीति विकसित करने का अहम काम करते रहे हैं लिए दिया गया है. चीन के ही यू चियाओगांग और थाईलैंड की क्रिसना क्राइसिंतु भी मैगसैसे पाने वालों में हैं.

रिपोर्ट- एजेंसियां/एस जोशी

संपादन- एस गौड़