दिवालिया हुआ जनरल मोटर्स
१ जून २००९100 साल पूराना जनरल मोटर्स जर्मन कार कंपनी ओपेल का मालिक है. लंबे समय से वह घाटे में चल रहा था, जिसकी वजह से जर्मन उद्यम भी संकट में पड़ गया था. अधिकारियों की उम्मीद है कि दिवालिया घोषित किए जाने से जनरल मोटर्स सरकारी मदद के साथ खुद को पुनर्स्थापित कर सकता है. उनका मानना है कि यह काम 60 से 90 दिनों के अंदर पूरा हो सकता है. आर्थिक मंदी के चलते खासकर सस्ते दामों पर अपने कारें बेचने वाली एशियाई कंपनियां अमेरिकी कार बाज़ार में मज़बूत बनती जा रही थी और उन्होने जनरल मोटर्स के प्रभाव को कम कर दिया था. खासकर होंडा, निसान, ह्यूंडाई और टोयोटा अमेरिका में बहुत ही लोकप्रिय हैं. जनरल मोटर्स अमेरिका में ही 92 000 लोगों को सीधे नौकरी देता है, लेकिन कई हज़ार कर्मचारी जनरल मोटर्स के लिए दूसरी कंपनियों में काम करते हैं.
जनरल मोटर्स के लिए सरकारी मदद विशेषज्ञों के अनुसार दोनों पक्षों के लिए मुश्किल साबित हो सकती हैं. अभी से सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह धारकों के हितों को नज़रअंदाज़ कर रही है, जैसा कि वित्त मंत्री थिमथी गाईथनर को हाउस ऑफ रेप्रसेंटटिव्स के एक पत्र में कहा गया है.
न्यू यॉर्क टाइम्स ने चेतावनी दी कि जनरल मोटर्स को ओबामा मोटर्स में बदलते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा और उनकी सरकार के लिए नए जोखिम उठाए जा रहे हैं. अख़बार का कहना था कि न तो सरकार, और न ही कांग्रेस के सदस्यों को यह फैसला करना चाहिए कि कौन से कारखाने बंद किए जाएं, कितने लोगों की छटनी की जाए या कितने नए कर्मचारियों को नौकरी दी जाए. दूसरे अखबारों का कहना है कि राष्ट्रपति ओबामा का जनरल मोटर्स को लेकर कोई भी ग़लत फैसला उनकी लोकप्रियता के लिए खतरा बन सकता है. जनरल मोटर्स को अमेरिका की सरकार ने पहले भी 20 अरब डॉलर की सहायता दी है. दिवालिया होने की घोषणा के बाद सरकारी सहायता पाने के लिए जनरल मोटर्स को पुनर्स्थापना के लिए अपनी योजना भी पेश करनी है. इस योजना के तहत सरकार जनरल मोटर्स के ज़्यादातर शेयरों का मालिक बनेगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/प्रिया एसेलबॉर्न
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य