दिल्ली हमले की जांच में कोई प्रगति नहीं
२० सितम्बर २०१०पुलिस ने रविवार सुबह हुए हमले के बाद से अब तक 30 लोगों से पूछताछ की है. जामा मस्जिद के पास एक बस में चढ़ रहे विदेशी सैलानियों पर मोटरसाइकिल सवारों ने गोलियां चलाई जिसमें ताइवान के दो पर्यटक घायल हो गए. इसके करीब दो घंटे बाद पास ही खड़ी कार में आग लग गई जिसमें देसी सर्किट बम होने की आशंका जताई गई है.
पुलिस ने कुछ सुराग लगने का दावा किया है. "कुछ नई बातें हमें पता चली हैं और उनकी हम जांच कर रहे हैं. हमें भरोसा है कि इस मामले को सुलझा लिया जाएगा." पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि वसंत कुंज इलाके से जिस व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था उसे रिहा कर दिया गया है और उस पर संदेह नहीं है.
दिल्ली पुलिस इस हमले के पीछे किसी संगठित आतंकवादी गुट का हाथ होने से इनकार कर रही है और उसके मुताबिक स्थानीय गैंग की यह साजिश हो सकती है. लेकिन खुफिया तंत्र मानता है कि इसके लिए इंडियन मुजाहिदीन जिम्मेदार हो सकती है. पिछले कुछ समय में उसने कई शहरों में बम धमाके किए हैं. मीडिया को भेजे ईमेल में इंडियन मुजाहिदीन ने कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान आतंकी हमले करने की धमकी दी है.
पुलिस मान रही है कि फायरिंग का मकसद कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले लोगों में दहशत फैलाना है. इस घटना के बाद शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और शहर में चौकसी बरतने के लिए सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल पूछा है. डॉक्टरों के मुताबिक घायलों की हालत खतरे से बाहर है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम