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दिल्ली में दिल का चमत्कारिक ऑपरेशन

३ सितम्बर २००९

दिल्ली के एम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने 10 दिन के एक ऐसे बच्चे का चमत्कारिक ऑपरेशन किया है जिसका दिल छाती से बाहर निकला हुआ था. दिल वालों की दिल्ली में दिल के इस ऑपरेशन से एक विश्व रिकॉर्ड बना है.

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दिल का करिश्माई ऑपरेशनतस्वीर: AP

इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम के प्रमुख डॉक्टर एके बिसोई ने बताया, "हमने बच्चे की किसी भी शारीरिक गतिविधि को रोके बिना इस ऑपरेशन को करने का फ़ैसला किया. चूंकि उसके शरीर में दिल के लिए कोई जगह नहीं थी, तो हमने पेट और छाती के बीच एक खिड़की बनाई. फिर धीरे से दिल को घुमाया और उसके लिए बनी नई जगह पर रख दिया."

ऑपरेशन के बाद बच्चे को कार्डिक केयर यूनिट में भेज दिया गया है और डॉक्टर कह रहे हैं कि हर घंटा बच्चे के लिए बहुत अहम है. डॉक्टर बिसोई कहते हैं, "हमें बच्चे पर नज़र रखनी है. हर घंटा बेहद अहम है. हमें देखना है कि ऑपरेशन के बाद वह कैसे प्रतिक्रिया करता है. हर वक़्त एक चुनौती है. यह अपने आप में एक बड़ी कामयाबी है कि यह बच्चा दस दिन उसके बिना ज़िंदा रहा."

Grafik Herzkranzgefäße Kreislaufsystem
काफ़ी जटिल होता है दिल का ऑपरेशनतस्वीर: picture alliance/OKAPIA KG

यह ऑपरेशन गुरुवार को भारतीय समय के अनुसार सुबह 9 बजे शुरू हुआ और लगभग साढ़े तीन घंटे चला. बड़ी उपलब्धि यह है कि जब डॉक्टर ऑपरेशन कर रहे थे, उस वक़्त भी बच्चे का दिल धड़क रहा था. पहले डॉक्टरों ने फ़ैसला किया कि बच्चे को दिल और फेंफड़ों की ख़ास मशीन पर रखा जाएगा और उसके शरीर का तापमान 18 डिग्री से नीचे रहेगा. इसके लिए बच्चे की शारीरिक गतिविधियों को 30 मिनट के लिए रोकने का फ़ैसला किया गया था.

भारत में यह अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है जिसमें इस तरह की दुर्लभ मेडिकल स्थिति में बच्चे की जान बच पाई है. यह बच्चा एक्टोपिया कॉर्डिस की समस्या के साथ पैदा हुआ जिसमें दिल छाती से निकला हुआ था. दुनिया भर में अब तक इस तरह के 230 मामले देखे गए हैं, जिनमें से तीन लोग ही ज़िंदा बच पाए हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल