1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी दखल से चीन नाराज

२२ जनवरी २०१८

चीन के अखबार का दावा है कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में परेशानी खड़ा कर रहा है. चीन ने कहा है कि अमेरिकी नौसैनिक पोत का इस इलाके में आना चीन को अपनी सैन्य क्षमता मजबूत करने के लिए मजबूर करता है.

https://p.dw.com/p/2rHeg
US Destroyer im Südchinesischen Meer
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. S. Nguyen

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बीते हफ्ते अमेरिकी नौसैनिक पोत यूएसएस होपर, चीन की बिना इजाजत हुंयागयान द्वीप के 12 नॉटिकल मील अंदर तक पहुंच गया था. इस द्वीप को स्कारबॉरो शोल भी कहते हैं. इस द्वीप पर फिलीपींस भी अपना दावा करता रहा है. चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली में लिखा गया, "जब दक्षिण चीन सागर में स्थिति सुधर रही है तो अब वहां अमेरिका दखल दे रहा है. यह साफ दिखाता है कि अमेरिका इस क्षेत्र का सैन्यकरण करना चाहता है." अखबार के मुताबिक, "शांति और सहयोग जैसे माहौल के बीच अमेरिकी जहाज का दखल बेवजह परेशानी और दिक्कत खड़ी कर सकता है."

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि चीन इससे बेहद ही अंसतुष्ट है और वह अपनी रक्षा के लिए कदम उठाएगा. बयान में कहा गया है कि अगर अमेरिका इस क्षेत्र में तनाव पैदा करने की कोशिश करता है तो चीन भी इस मामले में तुरंत कार्रवाई करेगा. चीन ने साफ किया है कि दक्षिण चीन सागर में शांति बहाली के लिए चीन अपनी क्षमताओं और निर्माण में तेजी लाएगा. चीन के विदेश मंत्रालय का यह बयान अखबार के "वॉयस ऑफ चाइना" कॉलम में छापा गया है. इस कॉलम में अखबार विदेश नीतियों पर चर्चा करता है. 

चीन के अन्य अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि दक्षिण चीन सागर में चीन का प्रभुत्व बढ़ रहा है, साथ ही चीन की सेना का आकार और इसकी गुणवत्ता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अखबार मु्ताबिक देश अधिक नौसैनिक जहाजों को भेजने में सक्षम है और द्वीपों के सैन्यकरण जैसे कदम उठा सकता है.

स्कारबॉरो शोअल, फिलीपींस के 200 नॉटिकल मील के भीतर आने वाला विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) है. साल 2016 में दिए अपने फैसले में अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल ने कहा था कि यह एक पारंपरिक मत्स्य क्षेत्र है जिसे इस्तेमाल करने का हक किसी एक देश के पास नहीं है.

वहीं अमेरिकी सेना ने कहा है कि उसके पास दुनिया भर में "नेवीगेशन की स्वतंत्रता"(फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन) है. साथ ही उन क्षेत्रो में भी जहां उसके सहयोगी दावा करते हैं और जो राजनीतिक चीजों से अलग है. हालांकि पेंटागन ने इस मामले में सीधा कोई बयान नहीं दिया है लेकिन यह जरूर कहा है कि ये ऑपरेशन एक नियमित प्रक्रिया है.

एए/एनआर (रॉयटर्स)