दक्षिण कोरिया पहुंची अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी
२५ अप्रैल २०१७
मिसाइलों से लैस अमेरिकी पनडुब्बी यूएसएस मिशिगन दक्षिण कोरिया के बुशान तट पर पहुंच चुकी है. अमेरिकी नौसेना का विमानवाही पोत कार्ल विल्सन भी पहुंचने वाला है. मंगलवार को उत्तर कोरिया की सेना अपना 85वां स्थापना दिवस मना रही है. आशंका है कि इस दौरान उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण कर सकता है. आम तौर पर सैन्य स्थापना दिवस के मौके पर हर साल उत्तर कोरिया किसी न किसी हथियार का परीक्षण कर दुनिया को चौंकाता रहा है.
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने सीनेट की एक बैठक भी बुलाई है. बैठक बुधवार को होगी. इस पर सिर्फ उत्तर कोरिया पर चर्चा की जाएगी. राष्ट्रपति ने पिछले दिनों में उत्तर कोरिया के बारे में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से भी बात की है. उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच पिछले दो हफ्तों से स्थिति बेहद तनावपूर्ण है. उत्तर कोरिया बार बार अमेरिका पर पलटवार करने की धमकी दे चुका है.
यूएसएस मिशिगन एक परमाणुचालित पनडुब्बी है. इस पर 154 टॉमहॉक मिसाइलें और 60 स्पेशन ऑपरेशन यूनिट के जवान तैनात रहते हैं. दक्षिण कोरिया के अखबार चोसुन इल्बो के मुताबिक बड़ी पनडुब्बी अपने साथ अटैच एक मिनी सबमरीन के साथ दक्षिण कोरिया पहुंची है.
कहा जा रहा है कि पनडुब्बी अमेरिकी विमानवाही पोत के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास करेगी. इस अभ्यास के जरिये अमेरिका उत्तर कोरिया को अपनी ताकत और क्षमता दिखाएगा. अमेरिकी नौसेना ने साफ किया है कि उसका विमानवाही पोत निर्धारित इलाके की तरफ बढ़ चुका है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि वह अमेरिकी अर्माडा को कोरिया भेज रहे हैं. ट्रंप के मुताबिक अमेरिकी पनडुब्बियां किसी भी "एयरक्राफ्ट कैरियर से ज्यादा ताकतवर” हैं.
इलाके में बढ़ते तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका और उत्तर कोरिया से संयम बरतने की अपील की है. लेकिन इस अपील के साथ ही चीनी राष्ट्रपति ने अपनी सेना से तैयार रहने को भी कहा है.
(उत्तर कोरिया में आखिर कितना दम है)
ओएसजे/ (एपी, डीपीए)