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दक्षिण एशिया में राइस बकेट चैलेंज

२७ अगस्त २०१४

पानी की कमी से जूझ रहे दक्षिण एशियाई देशों ने आइस बकेट चैलेंज का जवाब तैयार किया है. बाल्टी को बर्फीले पानी से भरने के बजाय उसे चावल और अन्य खाद्य सामग्री से भरा जा रहा है ताकि जरूरतमंदों को मदद दी जा सके.

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तस्वीर: DW/F.Müller

जून से अब तक दुनिया भर में हजारों लोगों ने बर्फीले पानी से भरी बाल्टी खुद पर उड़ेल कर आइस बकेट चैलेंज स्वीकार किया. चैलेंज लेने के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है जिसे ऑनलाइन डाला जाता है. भीगने वाला अपने तीन दोस्तों को ऐसा करने की चुनौती स्वीकार करने या सेवार्थ कामों के लिए पैसा दान करने का चैलेंज करता है.

आइस बकेट चैलेंज का उद्देश्य एएलएस बीमारी के बारे में जागरुकता बढ़ाने का. एएलएस बीमारी को लाऊ गेहरिग के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि भारत में 38 वर्षीय महिला ने आइस बकेट चैलेंज को राइस बकेट चैलेंज (एक बाल्टी चावल) में तब्दील करने का फैसला किया. उन्होंने सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों को एक बाल्टी या एक कटोरा चावल जरूरतमंदों को देने के लिए प्रोत्साहित किया.

चावल पर शोध करने वाली वेबसाइट oryza.com के लिए काम करने वाली मंजू लता कहती हैं, "इसका विचार मुझे फेसबुक पर आइस बकेट चैलेंज देखने के बाद आया. आप किसी भूखे को खाना खिला देते हैं और आप पानी भी नहीं बर्बाद कर रहे हैं." पिछले शुक्रवार को शुरू हुए अभियान में अब तक 1,38,000 लोग हिस्सा ले चुके हैं.

पड़ोसी देश नेपाल में भी इसी तरह का अभियान चल रहा है. पिछले दिनों आई बाढ़ और भूस्खलन की आपदा के पीड़ितों की मदद के लिए प्लास्टिक की बाल्टी को खाद्य सामग्री या फिर दवाइयों से भरने को कहा जा रहा है. काठमांडू में कपड़ा दुकान चलाने वाले सनी मनंधर के मुताबिक, "हमें अब तक 125 बाल्टी सामान मिल चुका है." मनंधर की दुकान बकेट चैलेंज के लिए दान की गई सामग्री इकट्ठा करने का काम रही है.

पिछले दिनों मूसलाधार बारिश की वजह से नेपाल के कुछ इलाकों में बाढ़ आ गई और कई जगह भूस्खलन भी हुआ. आपदा में 250 लोगों की मौत हो गई और 14 हजार परिवारों का सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया. इस चैलेंज में दान करने वाले बिनायक बसन्यात कहते हैं, "हालांकि एएलस चैलेंज दुनिया भर में वायरल हो रहा है लेकिन यह नेपाल के लिए ज्यादा समझदारी वाला है.".

दक्षिण एशिया में पानी की बर्बादी को लेकर ओरिजनल सोशल मीडिया अभियान के आइस बकेट चैलेंज की आलोचना हो रही है. श्रीलंका की नेता माल्शा कुमारातुंगा ने स्थानीय पशु कल्याण ट्रस्ट के लिए पैसे इकट्ठा करने के लिए आइस बकेट चैलेंज का आयोजन किया लेकिन दान में गिरावट देखी गई.

पूर्व विदेश मंत्री मंगला समरवीरा कहती हैं, "इस तरह से पानी की बर्बादी उष्णकटिबंधीय देश में सूखे की मार झेल रहे हजारों लोगों का अपमान है." मुंबई में भी कुछ बॉलीवुड कलाकारों ने इन्हीं वजहों से इस चैलेंज को लेने से इनकार कर दिया है.

एए/ओएसजे (एएफपी)