थाइलैंड में अमेरिकी नागरिक को सजा
८ दिसम्बर २०११बैंकॉक क्रिमिनल कोर्ट ने थाई मूल के 55 वर्षीय अमेरिकी नागरिक जोए गॉर्डन को ढाई साल जेल की सजा सुनाई. जज तवान रोडचारोएन ने कहा कि सजा पांच साल की हो सकती थी लेकिन गॉर्डन को जुर्म कबूल करने की वजह से ढाई साल की राहत मिली. अमेरिकी नागरिक अक्टूबर में ही अपना गुनाह कबूल कर चुका है.
थाइलैंड में राजा भूमिबोल अदुलयादेज की सच्ची कहानी की किताब प्रतिबंधित है. लेकिन गॉर्डन ने कई साल पहले प्रतिबंधित किताब खरीदी. बैन किताब 'द किंग नेवर स्माइल्स' का गॉर्डन ने थाई में अनुवाद किया और उसे इंटरनेट पर भी डाला. गॉर्डन ने यह सब अमेरिका में रहते हुए किया. लेकिन इसके बावजूद उन पर थाइलैंड में आपराधिक मुकदमा चला. गॉर्डन को इस बात की भनक भी नहीं थी. इस साल मई में इलाज के लिए थाइलैंड जाने पर उन पर मुसीबतें टूट पड़ीं.
सजा के बाद गॉर्डन ने कहा, "मैं एक अमेरिकी नागरिक हूं और जो कुछ भी हुआ वह अमेरिका में हुआ. लेकिन मैं क्या कर सकता हूं. यह थाइलैंड का सिस्टम है. थाइलैंड में बिना सबूत के भी लोगों को जेल में डाल दिया जाता है."
बैंकॉक के अमेरिकी दूतावास ने गॉर्डन की सजा का विरोध किया है. दूतावास की काउंसलर जनरल एलिजाबेथ प्रैट ने कहा कि गॉर्डन को दी गई सजा बहुत कठोर है, "कठोर इसलिए क्योंकि उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के लिए सजा दी गई है." यूरोपीय संघ ने भी सजा को 'चिंताजनक' करार दिया है.
इससे पहले थाइलैंड की एक अदालत ने 61 साल के एक व्यक्ति को राजपरिवार के अपमान के मामले में 20 साल की सजा सुनाई. अदालत ने उसे राजपरिवार के खिलाफ अपमानजकर एसएमएस भेजने का दोषी पाया.
इन मामलों के बाद थाइलैंड के राजपरिवार से जुड़े सख्त कानूनों पर बहस शुरू हो गई है. थाइलैंड में इस तरह के कानून सबसे सख्त हैं. राजा, रानी या पद का अपमान के करने के दोषियों को तीन से 15 साल तक की सजा हो सकती है. 2007 में पारित कंप्यूटर क्राइम एक्ट में भी राजपरिवार के अपमान को लेकर धाराएं लगा दी गईं.
विरोध करने वाले आरोप लगाते हैं कि राजपरिवार को अपमान से बचाने की आड़ में इस कानून का गलत इस्तेमाल किया जाता है. कई बार राजनीतिक विरोधियों को रास्ते से हटाने के लिए कानून का इस्तेमाल किया जाता है.
रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादनः एन रंजन