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तो हांफने लगेंगे भारत के एयरपोर्ट

१९ मार्च २०१८

भारत के सारे एयरपोर्ट कुल 31.7 करोड़ यात्रियों को संभाल सकते हैं. लेकिन जिस तेजी से मुसाफिरों की संख्या में वृद्धि हो रही है, उसे देखकर लगता है कि एयरपोर्टों की हालत रेलवे स्टेशन से भी बुरी हो सकती है.

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Flughafen / Frankfurt / Lufthansa / Fluglotsen
तस्वीर: dapd

भारत हवाई परिवहन में रिकॉर्ड इजाफा देख रहा है. सस्ती बजट एयरलाइंसों और बेहतर होती कनेक्टिविटी ने इसे मुमकिन बनाया है. लोग अब 24, 48 या 72 घंटे तक ट्रेन का सफर करने के बजाए एक से ढाई घंटे की उड़ान भर रहे हैं. 2016 में रिकॉर्ड 26.5 करोड़ यात्रियों ने डोमेस्टिक उड़ान भरी. 2018 के अंत तक यह संख्या 30 करोड़ हो जाएगी.

लेकिन क्या भारत का एयरपोर्ट नेटवर्क यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभाल सकता है, इसका जवाब देते हुए सेंटर फॉर एविएशन के दक्षिण एशिया डायरेक्टर बिनीत सोमैया कहते हैं, "फौरन बड़े भारतीय एयरपोर्टों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि वे अधिकतम की सीमा पर पहुंचने जा रहे हैं."

बीते 10 साल में भारत में हवाई मुसाफिरों की संख्या 10 गुना बढ़ी है. भारतीय नागरिक उडड्यन रेगुलेटरी संस्था डीजीसीए के मुताबिक 2008 में कुल 4.4 करोड़ लोगों ने घरेलू उड़ान भरी. सेंटर फॉर सिविल एविएशन का अनुमान है कि 2025 तक भारत दुनिया का तीन बड़ा एयरलाइन बाजार होगा. 2036 तक भारत के भीतर ही हर साल करीब 47.8 करोड़ लोग फ्लाइट के जरिए सफर करेंगे.

विशेषज्ञों के मुताबिक अगर भारत में एयरपोर्टों का जल्द ही विस्तार नहीं किया गया तो अव्यवस्था फैलने लगेगी. सोमैया कहते हैं, "कुछ एयरपोर्ट चरम क्षमता पर पहुंच चुके हैं. अगले पांच से सात साल में भारत के 30 से 40 एयरपोर्ट अपनी क्षमता से ज्यादा" मुसाफिरों को देखेंगे. हर साल उड़ानों की संख्या 20 फीसदी बढ़ रही है, इतने विमानों को सुरक्षित ढंग से लैंड और टेक ऑफ कराना बड़ी चुनौती होगी.

बजट एयरलाइंसों के चलते फ्लाइट के टिकट 1,000 रुपये तक मिलने लगे हैं. देहरादून, जयपुर, गुवाहाटी, पुणे, श्रीनगर और मैंगलुरू जैसे एयरपोर्ट तो अभी ही अपनी क्षमता से बाहर जा चुके हैं. बहुत जल्द दिल्ली और चेन्नई एयरपोर्ट की भी यही हालत होनी है. मुंबई के एयरपोर्ट की तो हालत अभी से बिगड़ने लगी है. एयरपोर्ट अपनी क्षमता का 94 फीसदी आंकड़ा छू चुका है. सिंगल रनवे वाले मुबंई एयरपोर्ट में दुनिया भर में हर दिन सबसे ज्यादा विमान का परिचालन करता है. 24 घंटे के भीतर मुंबई एयरपोर्ट 980 फ्लाइट ऑपरेट करता है.

केंद्र सरकार भारत के दूर दराज के इलाकों को हवाई परिवहन के माध्यम से जोड़ना चाहती है. इसके लिए एयरपोर्ट नेटवर्क के विस्तार की योजना है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए बजट में 61.3 करोड़ डॉलर की रकम रखी गई है. सेंटर फॉर सिविल एविएशन का अनुमान है कि अगर भारत बढ़ती डिमांड को सही ढंग से संभालना चाहता है तो उसे 2030 तक 45 अरब डॉलर खर्च करने होंगे.

ओएसजे/एमजे (एएफपी)