1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

तुर्की में प्रताड़ित लोगों के लिए दरवाजे खुले हैं: जर्मनी

८ नवम्बर २०१६

जर्मनी ने कहा है कि तुर्की में "दमन और शोषण" का सामना कर रहे लोगों के लिए उसके दरवाजे खुले हैं. जुलाई में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद तुर्की में लगभग 35 हजार लोगों को हिरासत में लिया गया है.

https://p.dw.com/p/2SKWj
Türkei Kurden demonstrieren in Istambul
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Suna

तुर्की में बुद्धजीवि वर्ग, मीडिया, सेना और न्यायपालिका का एक बड़ा हिस्सा सरकार के निशाने पर है. दसियों हजार लोगों को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया गया है. यूरोपीय मामलों के लिए जर्मनी के राज्य मंत्री मिषाएल रोथ ने कहा है कि जिन लोगों को तुर्की में राजनीतिक आधार पर निशाना बनाया जा रहा है, वे जर्मनी में शरण के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जर्मनी ऐसे लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है.

जर्मन मंत्री ने तुर्की में विपक्ष सांसदों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों के खिलाफ राष्ट्रपति रचैप तैयब एर्दोआन की सरकार के कदमों की आलोचना की है. उन्होंने कहा, "जो कुछ तुर्की में हो रहा है, वो यूरोपीय मूल्यों, कानून के राज, लोकतंत्र और मीडिया की आजादी के विपरीत है. इसीलिए हमारा तुर्की की सरकार को स्पष्ट जबाव है: ये कोई तरीका नहीं है.”

तुर्की में तख्तालपट क्यों नाकाम हुआ, देखिए

दूसरी तरफ, तुर्की की सरकार ने जर्मनी की आलोचना को खारिज किया है. तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत चावुसोग्लु ने आरोप लगाया कि जर्मनी पीकेके और डीएचकेपी-सी जैसे कट्टरपंथी गुटों का समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा, "जर्मनी समझता है कि वो फर्स्ट क्लास देश है, फर्स्ट क्लास लोकतंत्र है. हम चाहते हैं कि वो हमें बराबर का साझादार समझे.” इस बीच, यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रभारी फेडेरिका मोगेरिनी ने भी तुर्की की सरकार से विपक्ष के साथ संवाद करने को कहा है.

जर्मनी पहले ही मध्य पूर्व से बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासियों से निपट रहा है. ऐसे में तुर्की से शरणार्थियों का स्वागत करने वाला जर्मन मंत्री रोथ का बयान अहम है. उन्होंने कहा, "जर्मनी आगे की तरफ देखने वाला देश है सैद्धांतिक तौर पर उन सब लोगों के लिए खुला है जिन्हें राजनीतिक आधार पर परेशान किया जा रहा है.”

एके/वीके (एएफपी, डीपीए)