तुर्की में सेना, विपक्ष और अब शिक्षक भी प्रताड़ित
२० जुलाई २०१६तुर्की के सरकारी मीडिया ने देश के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के देश से बाहर जाने पर लगे प्रतिबंध को अस्थायी बताया है. सरकार को शक है कि युनिवर्सिटी के कुछ लोग तख्तापलट की योजना से जुड़े थे.
बीते सप्ताहांत तुर्की में राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन की सरकार को पलटने के सेना के असफल प्रयास के बाद से ही सरकार ने कई व्यक्तियों और संस्थानों पर शिकंजा कसा है. सरकारी मीडिया टीआरटी ने खबर दी है कि इस्तांबुल युनिवर्सिटी ने अपने अकादमिक स्टाफ से 95 लोगों को नौकरी से हटा दिया है.
तुर्की सरकार कू की योजना का मास्टरमाइंड अमेरिका में रहने वाले धर्मोपदेशक फतेहुल्ला गुलेन को मान रही है. नौकरी से बर्खास्त सरकारी शिक्षा संस्थानों से 15,200 कर्मचारियों और प्राइवेट-सरकारी युनिवर्सिटी के 1,600 डीनों का कथित संबंध गुलेन से माना जा रहा है.
दूसरी ओर गुलेन ने कोई "आतंकी समूह" चलाने के आरोपों से इंकार किया है और अमेरिका से अंकारा के उन कथित सबूतों को ना मानने की अपील की है जिसके आधार पर उसे तुर्की भेजने की मांग की जा रही है.
तख्तापलट की घटना के बाद पहली बार तुर्की राष्ट्रपति एर्दोआन बुधवार को अंकारा में एक सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि इस बैठक के बाद वे देश में मृत्युदंड की सजा को फिर से बहाल कर सकते हैं, जिसे लेकर यूरोप के साथ संबंध खट्टे हो सकते हैं. सरकार ने कू की साजिश में शामिल होने के आरोप में अब तक 50,000 से अधिक लोगों को या तो कब्जे में लिया गया है या उनकी नौकरियों से निकाल दिया गया है.
तुर्की वायु सेना उत्तरी इराक में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के खिलाफ हमले शुरु कर चुकी है. एर्दोआन के 13 साल के शासन के दौरान पहली बार तख्तापलट की इतनी गंभीर कोशिश हुई थी, जो कि असफल रही. इस दौरान 300 से भी अधिक लोगों की जान चली गई और राजधानी अंकारा की कई सरकारी इमारतों पर एफ-16 फाइटर जेट विमानों की रेड पड़ने से नागरिकों में डर फैल गया.
9,000 से ज्यादा लोग अब तक कू की योजना में शामिल होने के आरोप में हिरासत में लिए जा चुके हैं. इनमें तुर्की सेना के कुछ वरिष्ठ जनरल, हजारों अधिकारी, पुलिस और अन्य लोग शामिल हैं. एर्दोआन ने आज पहली अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय वार्ता भी की और जॉर्जिया के प्रधानमंत्री का अंकारा में अपने राष्ट्रपति निवास में स्वागत किया. इसके अलावा वे अपने कैबिनेट से भी वार्ता करने वाले हैं, जिनके मंत्रालय की कई इमारतें कू की कोशिश में ध्वस्त हो गई हैं.