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तुर्की के लोग संविधान बदलने को राजी

१३ सितम्बर २०१०

तुर्की की जनता ने देश के संविधान में बदलाव की पुरजोर वकालत की है. रविवार को हुए जनमत संग्रह में लोगों ने बदलाव के पक्ष में मतदान करते हुए रूढ़िवादी मुस्लिम पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को और मजबूत किया.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

अनाधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जनमत संग्रह के नतीजे सरकार के पक्ष में गए हैं. 58 फीसदी लोगों ने संविधान में बदलाव के लिए हां कहा है. एनटीवी ने कहा कि 99 फीसदी वोटों की गिनती के बाद ये नतीजे सामने आए हैं. तुर्की की सरकारी न्यूज एजेंसी एनातोलिया ने भी कहा है कि 58 फीसदी लोगों ने पक्ष में मतदान किया है.

प्रधानमंत्री तैयप एरदोआन ने कहा कि यह तुर्की के लोकतंत्र की जीत है. उन्होंने जनमत संग्रह के नतीजों के विश्लेषण में अपनी जीत की घोषणा करते हुए कहा कि इससे पार्टी के लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर अगले साल फिर सत्ता में आने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. एरदोआन ने संविधान सुधार को इस्लामी राष्ट्र के लोकतंत्र को मजबूत करने के तौर पर प्रचारित किया. उनका कहना है कि इससे यूरोपीय संघ की सदस्यता की देश की दावेदारी को भी बल मिलेगा.

संविधान में बदलाव के ज्यादातर मुद्दों पर कोई विवाद नहीं है, लेकिन सीनियर जजों की नियुक्ति के मसले पर कई आलोचक सरकार के खिलाफ खड़े हुए. हालांकि यूरोपीय कमीशन ने इन नतीजों का स्वागत किया है. संघ के विस्तार आयुक्त स्टीफन फोएले ने कहा, "हमने बीते महीनों में लगातार कहा है कि ये सुधार सही दिशा में बढ़ाया गया एक कदम हैं. इनसे तुर्की की यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिए जारी कोशिशों को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी मुद्दों को हल किया जा सकेगा."

हालांकि सरकार नतीजों की घोषणा सोमवार को करेगी, लेकिन जीत का अंतर सरकार की उम्मीद से कहीं ज्यादा कहा जा रहा है

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़