तालिबान के साथ वार्ता से ट्रंप का इनकार
३० जनवरी २०१८अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने तालिबान को समाप्त करने पर जोर देते हुए उसके साथ वार्ता की किसी भी संभावना से इनकार किया है. ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को कहा, "तालिबान निर्दोष लोगों को मार रहा है. बच्चों पर बमबारी की जा रही है, परिवारों पर बमबारी की जा रही है, पूरे अफगानिस्तान में बमबारी की जा रही है." उन्होंने कहा, "इसलिए तालिबान से कोई बातचीत नहीं होगी. हम तालिबान से बात नहीं करना चाहते. जो काम हमें करना है, हम उसे पूरा करने जा रहे हैं."
काबुल में तालिबान द्वारा हाल ही में किए गए हमलों में कम से कम 125 लोगों की मौत हो चुकी है, जो ट्रंप प्रशासन के लिए एक सीधी चुनौती है. ट्रंप ने 16 जनवरी को कहा था कि अमेरिकी फौजों ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) और तालिबान पर जबरदस्त कहर बरपाया है.
तालिबान आतंकियों ने 21 जनवरी को काबुल के इंटरकॉन्टिनेंटल होटल पर हमला किया था, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 14 विदेशी भी शामिल थे. वहीं बीते शनिवार हुए एंबुलेंस विस्फोट में 103 लोगों की मौत हो गई थी और 235 अन्य घायल हो गए. आईएस ने जलालाबाद में स्थित ब्रिटिश गैर सरकारी संगठन 'सेव द चिल्ड्रन' के मुख्यालय पर भी हमला किया जिसमें चार लोगों की मौत हो गई.
ट्रंप के इस बयान से तालिबान के साथ वार्ता पर अमेरिका के रुख को लेकर अस्पष्टता समाप्त हो गई. हालांकि, ट्रंप ने भविष्य में विभिन्न परिस्थितियों में वार्ता की संभावनाओं का स्वागत किया है. उन्होंने सुरक्षा परिषद के सदस्यों को बताया, "ऐसा समय आ सकता है, लेकिन अभी लंबा समय है. फिलहाल हम वार्ता के मूड में नहीं हैं." ट्रंप ने पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाकर तालिबान के साथ संघर्ष का स्तर बढ़ा दिया है. अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों की मदद करने का आरोप लगाया है. अमेरिका ने ऐलान किया था कि पाकिस्तान जब तक तालिबान का समर्थन करना जारी रखेगा, उसे दी जाने वाली एक अरब डॉलर से अधिक की राशि पर रोक जारी रहेगी.
आईएएनएस/एए