ताकि हमेशा जवान दिखें आपकी आंखें..
जब हम किसी से मिलते हैं, तो सबसे पहले उनकी आंखों को ही देखते हैं. आंखों के आसपास की त्वचा पर सबसे पहले झुर्रियां आती हैं. इनसे बचने के लिए बाजार में कई "आई क्रीम" उपलब्ध हैं. जानिए कौन सी क्रीम आपके लिए है सही.
दस गुना पतली
आंखों के नीचे की त्वचा चेहरे की त्वचा से दस गुना ज्यादा पतली होती है. इसीलिए यह बेहद संवेदनशील होती है. आंखों को बार बार मलने से त्वचा के इस हिस्से को काफी नुकसान पहुंचता है.
थकावट
त्वचा रोग विशेषज्ञ उटा श्लॉसबेर्गर बताती हैं कि आंखों की हर हरकत से उसके नीचे की त्वचा पर असर पड़ता है, "हम औसतन एक दिन में 10,000 बार पलके झपकाते हैं." साथ ही स्क्रीन के सामने बहुत देर तक बैठने से भी आंखें थक जाती हैं और नतीजा उसके नीचे की त्वचा पर दिखता है.
देख भाल जरूरी
इस त्वचा में वसा बनाने वाली ग्रंथियां भी नहीं होती. इसलिए यह बाकी चेहरे की तुलना में ज्यादा खुश्क हो जाती है. यही कारण है कि यहां झुर्रियां पड़ने लगती हैं. इसलिए आंखों के नीचे की त्वचा को खास देख भाल की जरूरत होती है.
आई क्रीम क्यों
जानकार आंख के नीचे की त्वचा के लिए अलग क्रीम इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. त्वचा रोग विषेशज्ञ फॉल्कर श्टाइनक्राउस का कहना है, "अधिकतर लोगों को लगता है कि चेहरे पर लगाने वाली क्रीम ही काफी है, लेकिन ऐसा नहीं है."
ऐसे लगाएं
फेस क्रीम में ज्यादातर परफ्यूम और अन्य रसायन मिलाए गए होते हैं, जो आंख के नीचे की त्वचा के लिए सही नहीं होते. यही वजह है कि बाजार में अलग से आई क्रीम मिलती हैं. इन्हें जोर जोर से मलें नहीं. क्रीम लगा कर उसे बहुत ही हल्के हल्के उंगलियों से थपथपाएं.
बीस के बाद
हमारी त्वचा में हायलूरॉनिक एसिड होता है जो नमी सोखने में मददगार साबित होता है. बीस की उम्र के बाद यह बनना कम हो जाता है. सबसे पहले इसका असर आंखों के इर्द गिर्द ही देखने को मिलता है. आई क्रीम अधिकतर हायलूरॉनिक एसिड से लैस होती हैं.
कैफीन से फायदा
तुरंत असर दिखाने वाली क्रीम या जेल में कैफीन होता है. रात में ठीक से नींद ना आने पर या बहुत रोने के बाद आंखों में जो सूजन आती है, कैफीन उसे कम करता है. श्लॉसबेर्गर बताती हैं, "कैफीन से त्वचा कस जाती है और रक्तसंचार भी बेहतर होता है."
कॉलेजन की मात्रा
आई क्रीम में कई बार रेटिनॉल भी होता है. दरअसल यह विटामिन ए है, जो ऐसी एंजाइम को बनने से रोकता है, जो त्वचा में कॉलेजन की मात्रा को कम करती हैं. कॉलेजन एक प्रोटीन है, जो त्वचा के लिए आवश्यक है.
सिलिकॉन से बचें
इसी तरह कई बार सिलिकॉन का भी इस्तेमाल होता है. यह त्वचा के छिद्रों को भर देता है, जिससे झुर्रियां बनना बंद हो जाती हैं. शुरुआत में यह अच्छा लगता है लेकिन सिलिकॉन की परत बन जाने से त्वचा सांस नहीं ले पाती. इसलिए क्रीम खरीदने से पहले पैकेट को ध्यान से पढ़ लें.