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तहव्वुर राना पर मुंबई हमलों में आरोप तय

१५ जनवरी २०१०

मुंबई हमलों की साज़िश में संदिग्ध आतंकवादी डेविड हेडली का साथ देने के लिए उसके साथी तहव्वुर राना के ख़िलाफ़ शिकागो में आरोप तय कर दिए गए हैं. राना पर डैनिश अख़बार पर हमले की साज़िश रचने का भी आरोप है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

राना के साथ अब्दुर्रहमान नाम के एक और व्यक्ति पर आरोप तय किए गए हैं. गुरुवार को यह आरोप अदालत में दाख़िल किए गए और मुंबई हमलों के सिलसिले में और भी जानकारी इनमें दी गई है. राना पर आरोप है कि उसने हेडली के भारत दौरे के लिए अपने इमिग्रेशन बिज़नेस को इस्तेमाल किया और अपने बिज़नेस के नाम पर मुंबई और दिल्ली में दफ़्तर खुलवाए.

अमेरिकी जासूसों ने राना और हेडली के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग भी की है जिसमें उन्होंने डेनमार्क और मुंबई हमलों की साज़िश बनाई थी. हालांकि राना के वकील का कहना है कि हेडली ने राना को बेवक़ूफ़ बनाया और राना को मुंबई हमलों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

राना को हिरासत में रखा गया है और उस पर आरोप है कि उसने मुंबई के अलावा डेनमार्क में पैग़बर मुहम्मद के विवादास्पद कार्टून छापने वाले अख़बार के दफ़्तर पर हमलों साज़िश में मदद दी. हालांकि डेनमार्क के अख़बार पर हमले की साज़िश कामयाब नहीं हो पाई. माना जा रहा है कि हेडली को लश्कर ए तैयबा ने हमला करने से रोका क्योंकि मुंबई के बाद संगठन पर दबाव बहुत ज़्यादा बढ़ गया था. इस सिलसिले में इल्यास कश्मीरी पर आरोप दर्ज किए गए हैं.

आरोप साबित होने पर राना को आजीवन कारावास भुगतना पड़ सकता है जबकि हेडली को मौत की सज़ा हो सकती है. अब्दुर्रहमान को भी ज़िंदगी भर जेल में रहना पड़ सकता है. हाल ही में हेडली पर आरोप तय किए गए थे कि उसने हमलों से पहले जानकारी जुटाने के लिए डेनमार्क और मुंबई का दौरा किया था. माना जा रहा है कि इसके बाद हेडली ने आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा को यह जानकारी दी जिसके आधार पर हमलों के दौरान मुंबई में ख़ास जगहों को निशाना बनाया गया.

अदालत में दाख़िल दस्तावेज़ों के मुताबिक़ हेडली को लश्कर ए तैयबा ने मुंबई में एक दफ़्तर खोलने के लिए 30 हज़ार डॉलर दिए थे. मुंबई के हमलावरों को जानकारी देने के लिए संगठन ने हेडली को जीपीएस की ट्रेनिंग भी दी और उसे ताज होटल का एक छोटा सा मॉडेल भी दिया गया ताकि उसे हमले के दौरान जानकारी देने में कोई परेशानी न हो.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एम गोपालकृष्णन

संपादनः ए कुमार