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डोपिंग की दोषी जर्मन स्केटर पर पाबंदी

२७ नवम्बर २००९

जर्मन स्पीड स्केटर क्लाइडिया पेशश्टाइन को इस साल कनाडा के शहर वैंकूवर के होने वाले शीत ओलंपिक खेलों से बाहर कर दिया गया है. डोपिंग साबित होने की वजह से पेशश्टाइन दो साल तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल नहीं पाएंगी.

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लगा दो साल का बैनतस्वीर: DPA

पेशश्टाइन पहली ऐसी खिलाड़ी हैं जिन्हें ख़ून के टेस्टों में असमानताओं की वजह से दो साल खेलने से रोक दिया गया है. वैसे ज़्यादातर खिलाड़ियों पर तब प्रतिबंध लगाया जाता है जब उनके डोपिंग टेस्ट में प्रतिबंधिति दवाओं का इस्तेमाल साबित होता है.

पेशश्टाइन पांच बार ओलंपिक में विजेता रह चुकीं हैं लेकिन उनके ख़ून में रेटिकुलोसाइट्स यानी अवयस्क रक्त कोशिकाओं के होने की वजह से उन पर डोपिंग का शक हो रहा है. पेशश्टाइन का कहना है कि रक्त कोशिकाओं की संख्या सामान्य स्तर से ज़्यादा होना डोपिंग का सबूत नहीं है और इससे टेस्टों के दौरान असमानताओं का संकेत मिलता है.

लेकिन पिछले महीने दो दिन की सुनवाई के बाद एक अदालत ने अंतरराष्ट्रीय़ स्केटिंग संगठन आईएसयू के निर्णय को सही बताया और कहा कि पेशश्टाइन के खून में असमानताएं हैं जो बीमारियों की वजह से भी हो सकतीं हैं, लेकिन चूंकि पेशश्टाइन के शरीर में ऐसी कोई बीमारी का सबूत नहीं है, इसलिए अदालत के पास एक ही कारण बचता है. वह यह कि पेशश्टाइन के खून में गड़बड़ी की वजह केवल ड्रग्स हो सकते हैं.

पेशश्टाइन के वकील मामले को स्विटज़रलैंड की सर्वोच्च अदालत में ले जाएंगे. पेशश्टाइन को अब तक ओलंपिक में पांच स्वर्ण पदक, दो रजत और दो कांस्य पदक मिले हैं. लेकिन अदालत के इस फैसले से पेशश्टाइन की पूरी ज़िंदगी बर्बाद हो सकती है. वह जर्मन पुलिस में अपनी नौकरी भी खो सकतीं हैं और दो साल के प्रतिबंध के बाद उन्हें स्पॉन्सर न मिलने का भी ख़तरा है.

उधर जर्मन खिलाड़ी पर पाबंदी का अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने स्वागत किया है और कहा है कि इससे डोपिंग पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन

संपादनः ए कुमार